River Sand Mining: चांदन नदी बालू खनन टेंडर पर मंत्री जयंत राज ने उठाई आपत्ति, पुनः जांच की मांग
River Sand Mining: अमरपुर विधायक जयंत राज ने चांदन नदी के बालू खनन टेंडर पर आपत्ति जताते हुए खान विभाग से पुनः जांच की मांग की, किसानों और धार्मिक स्थलों के संरक्षण पर दिया जोर.
River Sand Mining: अमरपुर व रजौन प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले जेठौरनाथ मंदिर समीप बालू बंदोबस्ती के लिए निकली गयी विभागीय टेंडर का सूबे के भवन निर्माण मंत्री सह अमरपुर विधायक जयंत राज ने कड़ा विरोध किया है. मसलन, मंत्री ने खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री को लिखित रूप से निकाली गयी निविदा के आलोक में पुनः जांच व किसान हित में फैसले लेने का दबाव पत्र के माध्यम बनाया है. जानकारी के मुताबिक, खान एवं भूतत्व विभाग ने बिहार बालू खनन नीति 2019 के तहत चांदन नदी के ब्लाॅक एक और दो की बंदोबस्ती के लिए टेंडर निकाला है. इसके तहत आगामी दो सितंबर को ई-नीलामी होगी. यानी बालू घाट में खनन के लिए ऑनलाइन बोली लगायी जायेगी. परंतु, मंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा कि जेठौरनाथ मंदिर के पास अवस्थित इन घाटों पर बालू की उपलब्धता शून्य है.
River Sand Mining: बांका खनन कार्यालय ने दी गलत डीएसआर रिपोर्ट
बांका खनन कार्यालय ने गलत डीसीआर के आधार पर बड़े घाटों को दो भागों में बांटकर बालू की बंदोबस्ती कराने की प्रक्रिया अपनाया है, जो न्याय संगत नहीं है. कहा कि कृषि क्षेत्र के दृष्टिकोण से अधिकांश घाट पर प्रतिबंधित है. पानी के अभाव को देखते हुए 2010 व 2011 में तत्कालीन समाहर्ता ने घाटों को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया था. इसीलिए किसान के हित को ध्यान में रखते हुए दोनों ब्लाॅक में बालू की उपलब्धता की जांच विभागीय वरीय अधिकारी से कराने की जरूरत है. इसके बाद ही निविदा की आगे की प्रक्रिया अपनायी जाय.
River Sand Mining: सुर्खियों में रहा है इस क्षेत्र का बालू घाट
हाल ही निकले इस निविदा का क्षेत्र में चर्चा जारी है. बताया जा रहा है कि धार्मिक व पौराणिक दृष्टिकोण से भी इस क्षेत्र में बालू उठाव प्रतिकूल असर डालेगा. यहां जेठौरनाथ मंदिर के साथ दानवीर कर्ण की चिता स्थली भी है. पुल के पार बेरमा तक ऐसे भी प्रतिबंधित घाट घोषित है. कहा जा रहा है कि टेंडर होने से खास प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ेगा. इसका मंत्री सहित कई किसानों ने प्रमुखता से जिक्र किया है. ज्ञात हो कि बालू खनन के लिए यह घाट जिले में सबसे अहम माना जाता था. कई वर्षों तक यहां से वृहत पैमाने पर बालू उठाव का हुआ था. माफियाओं का भी यह सेफ जोन बन गया था. कई आपराधिक वारदात के कारण भी इस इलाके का घाट एक समय सुर्खियों में रहा है.