को-ऑपरेटिव बैंक का छह करोड़ से अधिक केसीसी ऋण बकाया, ऋण वसूली के लिए कुर्की जब्ती की तैयारी

सेक्सन सात का नोटिस ऋण धारकों के विरुद्ध निर्गत किया

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2024 7:15 PM

बांका

सहकारिता विभाग अंतर्गत संचालित को-ऑपरेटिव बैंक का करीब छह करोड़ की बड़ी राशि केसीसी के तौर पर ऋणधारकों के पास बकाया है. लेकिन, वसूली अपेक्षानुरुप नहीं हो पायी है. इस बाबत बांका में संचालित आठ शाखाओं ने सहकारिता पदाधिकारी सह नामित नीलाम पत्र पदाधिकारी के कार्यालय में नीलाम पत्र से संबंधित अधियाचना किया है. इस आलोक में सहकारिता पदाधिकारी ने ऋण वसूली व नीलाम पत्र की सुनवाई की प्रक्रिया तेज कर दी है. साथ ही हटी ऋण धारकों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई का रुख अख्तिायार किया है. सहकारिता पदाधिकारी के मुताबिक, बैंक स्तर से एक मुश्त समझौता का प्रयास उत्साहवर्धक नहीं रहा. पंचायत स्तर पर भी बैंक के माध्यम से शिविर लगाने का कम प्रयास किया गया. अब बाध्य होकर बैंक से ऋण वसूली के लिए नीलाम पत्र दायर किया जा रहा है. सहकारिता पदाधिकारी सह नीलाम पत्र पदाधिकारी ने आगे बताया कि उनके कार्यालय में 538 वाद दायर किये गये हैं. जिसपर सेक्सन सात का नोटिस ऋण धारकों के विरुद्ध निर्गत किया गया है और इसकी सुनवाई भी की जा रही है. 72 वाद का निष्पादन कर दिया गया है. इसके साथ ही 747214 रुपये की वसूली भी गयी है. देखा जा रहा है कि बहुत सारे ऋण धारक किसान सुनवाई की तिथि में नीलाम पत्र पदाधिकारी के कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. इस बाबत संबंधित ऋणधारकों को पुनः नोटिस जारी कर निर्धारित तिथि को सुनवाई के लिए बुलाया जा रहा है. अगर वह फिर भी नहीं पहुंचते हैं तो उनके विरुद्ध डीडब्लू और बीडब्लू यानी कुर्की जब्ती की कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.

विभिन्न शाखाओं का बकाया ऋण राशि

बांका- 22,79,170अमरपुर- 1,22,22,243बाराहाट- 29,30,802कटोरिया- 1,00,34,237शंभुगंज- 20,70,299धोरैया- 1,87,77,532बेलहर- 20,46,359रजौन- 1,00,65,722

कहते हैं सहकारिता पदाधिकारी

छह करोड़ से अधिक राशि केसीसी के रुप में बकाया है. बैंक के माध्यम से ओटीएस की प्रक्रिया संतोषजनक नहीं रही. जिला सहकारिता पदाधिकारी के साथ-साथ उन्हें नीलाम पत्र पदाधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गयी है. इस हैसियत से वह ऋणधाकरों को चैकीदार के माध्यम से नोटिस तामिला करा रहे हैं. अगर ऋणधारक सुनवाई और बकाया राशि जमा नहीं करते हैं तो डिस्टेंस वारंट, कुर्की जब्ती वारंट और बड़ी वारंट जारी की जायेगी.

जैनुल आब्दीन अंसारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी सह नीलाम पत्र पदाधिकारी, बांकाB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version