नयी शिक्षक स्थानांतरण व पदस्थापना नीति दोषपूर्ण, महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकताः एआईआईटीए
दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों के गृह पंचायत, नगर निकाय, वर्तमान पदस्थापन के निकायों से वंचित कर दिया गया है
सहरसा नयी शिक्षक स्थानांतरण व पदस्थापना नीति जारी कर दी गयी है. जिसको लेकर शिक्षकों को लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा थी. इस नीति के सामने आने के बाद शिक्षकों की आशा एक गहरी निराशा में परिवर्तित होती नजर आ रही है. विभिन्न शिक्षक संघ इस नीति पर अपना विरोध जता चुके हैं. ऑल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन सदस्यों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षकों की इस नयी स्थानांतरण व पदस्थापन नीति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने व शिक्षकों के हितों को उचित स्थान देने की बजाय शिक्षकों को दंडित करने के लिए लाया गया है. नयी शिक्षक स्थानांतरण व पदस्थापन नीति के अध्ययन से यह स्पष्ट है कि इसमें न तो असाध्य रोग, गंभीर रुग्णता से पीड़ित शिक्षकों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखा गया है. ना ही दिव्यांग जनों, महिलाओं, शिक्षक दंपतियों व पुरुष शिक्षकों के हितों की परवाह की गयी है. सदस्यों ने कहा कि असाध्य रोग, गंभीर रुग्णता, मानसिक दिव्यांगता से पीड़ित शिक्षकों को भी स्वयं के गृह पंचायत, शहरी निकाय, पति पत्नी के गृह पंचायत शहरी निकाय से वंचित रखा गया है. जो कहीं से न्यायोचित नहीं लगता है. दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों के गृह पंचायत, नगर निकाय, वर्तमान पदस्थापन के निकायों से वंचित कर दिया गया है. जो कहीं से भी न्यायपूर्ण नहीं है. इसे बदल कर उन्हें स्वयं के गृह निकायों में पदस्थापन देने की आवश्यकता है. विधवा, परित्यक्त शिक्षिकाओं को भी उनके गृह निकायों से बाहर कर दिया गया है. साथ ही पति के गृह क्षेत्र से भी वंचित कर दिया गया है. यह कहीं से भी मानवतापूर्ण नहीं है..ऐसी शिक्षिकाओं को उनके गृह निकायों या पति के गृह निकायों का विकल्प प्रदान किया जाना चाहिए. शिक्षक दंपतियों को एक विद्यालय नहीं सही लेकिन आस-पास के विद्यालयों अधिकतम 10 किलोमीटर की दूरी पर पदस्थापित किया जाय. जैसा कि शिक्षा मंत्री अपने पूर्व के वक्तव्य में कह चुके हैं. पुरुष शिक्षकों को गृह अनुमंडल से वंचित रखने की बजाय अधिकतम अपने गृह प्रखंड से बाहर रखा जाय. वर्तमान में आठ जिले ऐसे हैं जो एक ही अनुमंडल वाले हैं. ऑल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की कि शिक्षक हित को देखते हुए एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति को दृष्टिगत रखते नयी शिक्षक स्थानांतरण एवं पदस्थापन नियमावली के इन बिंदुओं में आवश्यक संशोधन करे.
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