खतियान की काॅपी के लिए परेशान होने की जरुरत नहीं, अमीन के पास रहती है प्रति

खतियान की काॅपी के लिए परेशान होने की जरुरत नहीं, अमीन के पास रहती है प्रति

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 6:49 PM

प्रभात खबर-खासडीएम व कलेक्टर बांका के फेसबुक आईडी पर लाइव आकर जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने सर्वे से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रक्रिया व जानकारियों को किया साझा

बांका. डीएम अंशुल कुमार के निर्देश पर विभागीय अधिकारी लगातार डीएम एंड कलेक्टर के फेसबुक पेज पर लाइव आकर अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं. इस कड़ी में शनिवार को जिला बंदोबस्त पदाधिकारी अरविंद कुमार ने एक बार फिर भूमि सर्वे से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं व आवश्यक जानकारियों को साझा किया. जिला बंदोबस्त पदाधिकारी सर्वे से जुड़े कई प्रश्नों का उत्तर दिया. उन्होंने बताया कि कोई भी जमीन प्रमुख रुप से तीन प्रकार से हासिल की जा सकती है, जिसमें खतियानी, सरकार स्तर से बंदोबस्त व केवाला शामिल है. सर्वे में कई सारी प्रक्रियाएं होती है, जिसमें समय लगता है. बाउंड्री सहित अन्य प्रक्रियाओं को पूरी करते हुए अमीन खानापूरी के लिए जाता है. एक-एक प्लाॅट का सर्वे करता है. यदि उस दौरान रैयत वहां मौजूद रहते हैं तो अमीन को सहुलियत मिलती है. वैसी जमीन जो सरकार पर्चा के माध्यम से बंदोबस्त किया है, उसकी बिक्री नहीं हो सकती है. ऐसी जमीन अहस्तांतरित होती है. सर्वे के समय जीवित पर्चाधारी के नाम या मृत पर्चाधारी के वंशज के नाम से खाता खोला जायेगा. खतियानी जमीन का सर्वे के दौरान रैयत के पास यदि खतियान की काॅपी नहीं भी है तो अधिक चिंता की बात नहीं है. अमीन के पास खतियान की काॅपी रहती है. उसी आधार पर वह सर्वे करता है. केवल रैयत को अभी स्व घोषणा पत्र के जरिये यह बताना होता है खतियानी रैयत हैं या केवाला अथवा डीड के माध्यम से संबंधित जमीन प्राप्त की है. पदाधिकारी के अनुसार स्व घोषणा पत्र प्रपत्र टू में भरकर ऑनलाइन डीएलआरएस.बिहार.जीओबी.इन पर ऑनलाइन दे सकते हैं. इसके अलावा प्रपत्र टू ऑफलाइन संबंधित अंचल कार्यालय में मौजूद सर्वे कार्यालय में भी जमा कर सकते हैं.

आपसी सहमति से खोला जा सकता अलग-अलग खाता

यदि खतियानी जमीन का कोई कागजी बंटवारा नहीं होता है और मौजूदा वंशज मौखिक रुप से अलग-अलग प्लाॅट को जोत-आबाद कर रहे हैं तो वर्तमान वंशज के नाम से संयुकत खाता खोल दिया जाता है. लेकिन, सर्वे के दौरान ही आपसी सहमति से बंटवारानामा बनाते हुए इसका शपथ पत्र यदि अमीन को उपलब्ध करा दिया जाता है तो सबके नाम से अलग-अलग खाता खोल दिया जा सकता है. जो जमीन केवाला के माध्यम से ली गयी है, वैसी जमीन का सर्वे के दौरान केवाला दिखाएं व रसीद दिखाएं, उसी आधार पर खाता खोल दिया जायेगा.

बेलगान जमीन का भी खोला जायेगा खाता

जिला बंदोबस्त पदाधिकरी ने बताया कि बेलगान जमीन का भी सर्वे कर खाता खोला जायेगा. सर्वे के दौरान देखा जायेगा कि रैयत संबंधित जमीन का खतियानी रैयत हैं या खरीद-बिक्री से जमीन हासिल की है. जमीन के अनुरुप वर्तमान रैयत के नाम पर खाता खोल दिया जायेगा और साथ ही लगान भी निर्धारित कर दिया जायेगा.

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