कटोरिया के बड़वासिनी पंचायत में अधिकारियों ने रोका बाल-विवाह
कानून बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा व उनके उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है
– लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की दी गयी जानकारी कटोरिया. कटोरिया प्रखंड के बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के नेतृत्व में सोमवार को एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया गया. जिसमें आपातकालीन सेवा यानि हेल्पलाइन नंबर 112, उड़ान परियोजना प्रतिनिधि, डीएचइडब्ल्यू (डिस्ट्रिक्ट हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वीमेन) प्रतिनिधि व चाइल्ड हेल्पलाइन के सक्रिय सहयोग से बड़वासनी पंचायत में एक संभावित बाल विवाह को रोका गया. यह अभियान स्थानीय समुदाय में बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध के प्रति जागरूकता फैलाने व बाल अधिकारों की रक्षा के लिए उठाए गए सशक्त कदमों का परिणाम है. घटना की सूचना मिलने पर संबंधित अधिकारियों व संगठनों ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए मामले की जांच की और विवाह को समय पर रुकवाने में सफलता प्राप्त की. विदित हो कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों व 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह अवैध है. यह कानून बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा व उनके उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है. इस अभियान के तहत न केवल विवाह रोका गया, बल्कि स्थानीय समुदाय को इसके दुष्प्रभावों व कानूनी परिणामों के बारे में भी जागरूक किया गया. इस संबंध में बाल विवाह निषेध पदाधिकारी ने बताया कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित होने से बचाएं. सभी संबंधित संगठनों का समर्थन व तत्परता सराहनीय है. हम इसी तरह समाज में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.इस अभियान की सफलता यह साबित करती है कि जब प्रशासन, गैर-सरकारी संगठन और समुदाय एकजुट होते हैं, तो बड़े से बड़ा सामाजिक बुराई का सामना किया जा सकता है. हम सभी से अनुरोध करते हैं कि बाल विवाह जैसी घटनाओं की सूचना तुरंत बाल विवाह निषेध अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) या संबंधित प्राधिकरण को दें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है