15 तक मॉनसून प्रवेश की संभावना, इसके बाद मिलेगी गर्मी से थोड़ी राहत
15 तक मॉनसून प्रवेश की संभावना
जून महीने में पड़ रही गर्मी से लोग परेशान, अगले तीन दिनों तक तापमान में वृद्धि की संभावना, नियत समय पर आयेगा मॉनसून प्रतिनिधि, सहरसा पिछले 10 दिनों से अधिक समय से मौसम की बेरूखी से आम जनमानस हलकान हैं. धीरे-धीरे गर्मी अपने चरम पर पहुंच गयी है. जिससे आम आदमी गर्मी से बेहाल है. उसपर बिजली की लगातार आंख मिचौली से लोग रतजगा करने को विवश हैं. पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक गर्मी पड रही है. जबकि अगले तीन दिनों तक लू चलने एवं गर्मी बढने की संभावना जतायी गयी है. इस वर्ष जून के शुरुआती दिनों में ही गर्मी ने रिकार्ड तोड दिया है. तुलनात्मक विश्लेषण में यह साफ हो रहा है कि इस वर्ष जून महीने के शुरूआत में ही गर्मी उफान पर है. साथ ही मौसम विभाग ने 13 जून के बाद हल्की एवं मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान किया है. अब हालात यह है कि गर्मी से लोगों की जान पर बन आयी है. लोगों के बीमार होने की संख्या में तेजी आ गयी है. बच्चे से लेकर युवा, बुढे सभी परेशानी झेल रहे हैं. बुजूर्गों की माने तो आजतक जून के शुरूआती दिनों में इतनी भीषण गर्मी व लू शायद ही कभी चली हो. हालत यह बन गये हैं कि तेज धूप, लू व उमस से कहीं भी राहत नहीं मिल रही है. तापमान में रोज हो रही बढोतरी जून के शुरुआत में भीषण गर्मी शायद ही यहां के लोगों ने सोची होगी. एकाएक बढती गर्मी से लोग परेशान हो उठे हैं. राह चलना अभी ही काफी कठिन हो गया है. जबकि जून व जुलाई बाकी है. मौसम विज्ञान केंद्र भी अभी राहत मिलने की संभावना नहीं जता रहा है. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मंगलवार को पारा 39 डिग्री के पार चला गया है. अमूमन जून के शुरुआत में इतनी गर्मी नहीं पडती है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष माॅनसून के नियत से से पूर्व पहुंचने की संभावना व्यक्त की गयी थी. लेकिन अब नियत समय 13 से 15 जून के बीच पहुंचने की संभावना जतायी गयी है. इसके बाद ही लोगों को गर्मी से थोडी राहत मिलगी. ऐसे में गर्मी से अभी लोगों को राहत नहीं मिल रही है. खेती पर भी पड़ रहा असर अत्यधिक गर्मी के कारण खरीफ फसल में भी विलंब हो रहा है. किसों ने अब तक खेतों में धान के बिचडे़ तक नहीं गिराये हैं. ऐसे में जिले की मुख्य फसल धान की खेती पर साफ असर पड़ता दिख रहा है. जबकि खेतों में किसान इस समय खेतों में बीज डालते हैं. जिससे पैदावार अधिक होने की संभावना रहती है. लेकिन इस वर्ष किसान बीज के लिए खेत तक तैयार नहीं कर सके हैं. जिससे फसल पर असर होना साफ दिख रहा है. वहीं मौसम की बेरूखी से इस वर्ष खेती में विलंब हो रहा है. किसान सहित विभाग भी परेशान है. जबकि इस क्षेत्र की मुख्य फसल धान की खेती मॉनसून पर ही निर्भर रहती है. अच्छी वर्षा समय पर हुई तो पैदावार अच्छा रहा नहीं तो किसानों की हालत खराब हो जाती है. किसान आकाश की ओर टकटकी लगाए हैं. जबकि मौसम विभाग पूर्वानुमान में लगा है. ………………………………………………………………………………….. तापमान में लगातार वृद्धि से जनजीवन अस्त-व्यस्त महिषी. पिछले कई दिनों से लगातार तेज धूप की तपिश व बढ़ते तापमान से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. अहले सुबह से देर शाम तक गर्मी एक समान अपना कहर ढा रहा है. लोग अपना जरूरी काम छोड़ घरों में दुबके रहते हैं. तापमान में लगातार वृद्धि से जमीन सूखा पड़ने लगा है. जमीन में नमी नहीं रहने से किसान धान बिचड़ा नहीं गिरा रहे. मूंग के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने से आर्थिक नुकसान हुआ है. वर्षा नहीं होने के कारण चारा घास भी जलने लगा है. पशुपालक को पशुपालन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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