बिहार लौटे श्रद्धालुओं ने महाकुंभ भगदड़ के बारे में बताया, ग्रुप ने एक फैसला किया और बाल-बाल बच गए
Mahakumbh News: प्रयागराज से बिहार लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि वो किस तरह भगदड़ का शिकार बनने से बाल-बाल बचे. जानिए क्या बोले...
मौनी अमावस्या पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ में संगम नोज पर मंगलवार की देर रात को भगदड़ हुई जिसमें कई श्रद्धालुओं की मौत हो गयी. मृतकों में बिहार के भी कई लोग हैं. वहीं बांका जिले के भी एक शख्स की मौत इस हादसे में हुई है. वहीं दूसरी ओर भगदड़ स्थल से कुछ ही पीछे रहे बांका के दस श्रद्धालुओं का जत्था गुरुवार की देर शाम जब अपने घर लौटा तो हादसे से जुड़े वाक्ये को बताया. उन्होंने बताया कि वो किस तरह बाल-बाल बच गए.
बांका लौटा श्रद्धालुओं का जत्था
बांका के कटोरिया प्रखंड से दस श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज पहुंचा था. हादसे के समय इस जत्थे के लोग भगदड़ स्थल से कुछ ही पीछे थे. गुरुवार की देर शाम सभी लोग सुरक्षित कटोरिया पहुंचे. महाकुंभ में भगदड़ से बचकर सकुशल घर लौटे श्रद्धालुओं ने कहा कि भोलेनाथ की कृपा से ही बाल-बाल बच पाए.
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श्रद्धालु ने घटना वाली रात की कहानी बतायी…
जखाजोर गांव के श्रद्धालु संजय यादव ने बताया कि मंगलवार की रात को वे लोग भी अमृत स्नान के लिए संगम घाट नोज पर पहुंचकर रुकने वाले थे. लेकिन तभी आपस में निर्णय हुआ कि खाना खाकर ही आगे बढ़ा जाय. संगम घाट के निकट ही खाना खाने के कुछ देर बाद ही पता चला कि आगे एक किलोमीटर की दूरी पर भगदड़ हुई है. फिर अधिकारियों व एंबुलेंस का काफिला भी घटनास्थल के लिए बगल से ही रवाना हुआ. स्थिति सामान्य होने के बाद कटोरिया के श्रद्धालुओं के दल ने सुबह साढे सात बजे संगम नोज पर डुबकी लगायी.
लंबी दूरी तय करना पड़ा
कटोरिया से दो स्कॉर्पिओ पर सवार होकर दस श्रद्धालुओं का दल प्रयागराज महाकुंभ मेला गया था. उन्होंने बताया कि त्रिवेणी घाट से बहुत पहले ही स्कॉर्पिओ को रोक दिया गया. वहां से ब्रीज तक के लिए फ्री बस सेवा मिली. वहां से करीब पंद्रह किलोमीटर पैदल चलते हुए संगम घाट पहुंचे. स्नान के बाद दूसरे रास्ते से पच्चीस किलोमीटर पैदल चलते हुए लौटना पड़ा.