गर्मी से हरी सब्जी हुई पीली, दाम छूने लगे आसमान

जिले में लगातार चिलचिलाती धूप, गर्म पछुआ हवा ने लोगों को परेशान कर रखा है. धरती तप रही है. किसान परेशान हैं. कड़ी धूप व लू की वजह से सब्जी व फल की फसल तेजी से सूख रही है.

By Prabhat Khabar Print | June 21, 2024 12:10 AM

बांका. जिले में लगातार चिलचिलाती धूप, गर्म पछुआ हवा ने लोगों को परेशान कर रखा है. धरती तप रही है. किसान परेशान हैं. कड़ी धूप व लू की वजह से सब्जी व फल की फसल तेजी से सूख रही है. रोज पटवन के बाद दूसरे दिन खेतों में दरारें पड़ रही हैं. इससे मार्केट में सब्जी व मौसमी फलों की आवक कम हो गयी है. मौसमी सब्जियां आसानी से नहीं मिल रही हैं. जो सब्जियां इन मौसम में 10 रुपये किलो मिल जाती थीं, अभी 30 रुपये किलो बिक रही हैं. सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि से गृहणियों की रसोई का बजट बढ़ गया है. लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब होने लगी है. आलू प्याज के दाम तो पहले से ही रुला रहे थे, लेकिन अब हरी सब्जियां भी आंखें तरेर रही हैं. मौसमी सब्जियां भी बजट से बाहर हो रही हैं. पिछले पखवारे जिन सब्जियों के दाम 10 से 15 रुपये किलो थे, अब 30 से 40 रुपये पहुंच गये हैं. सब्जी के दामों में रोजाना वृद्धि हो रही है. किसानों ने कहा- बारिश में फिर बढ़ेगी कीमत स्थानीय किसान श्याम सुंदर मांझी, कपिल मांझी आदि ने बताया कि दिन का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है. अधिक गर्मी से खेतों में लगायी सब्जियां झुलस गयी हैं. इसे लेकर सब्जी के उत्पादन पर काफी असर पड़ा है. बाजार में लोकल सब्जी नहीं के बराबर मिल रही है. बाहरी सब्जी के भरोसे बाजार चल रहा है. इस कारण हरी सब्जी का भाव बढ़ गया है. अब बारिश के मौसम शुरू होने के बाद तो सब्जी की और किल्लत होगी. समय से पहले ही सूख चुके हैं नदी व तालाब स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि ऐसी गर्मी उन्होंने अपने जीवनकाल में नहीं देखी. इस साल तो गर्मी ने सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पंखा, एसी, कूलर आदि तो काम करना बंद कर चुके हैं. वहीं नदी, नालों और पेयजल स्रोतों का जलस्तर समय से पहले काफी नीचे जा चुका है. इसका असर कृषि व बागवानी पर भी पड़ रहा है. लोगों को पीने और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. जबकि किसानों के खेत में लगी हरी सब्जी आदि की फसल पानी के कारण सूख रही है. अगर कुछ किसान किसी तरह फसल की सिंचाई कर लेते हैं, तो उनकी फसलों में काफी बीमारियां लग रही हैं. इससे उत्पादन काफी गिर गया है. मौसमी फलों में खीरा, ककड़ी, तरबूज का भी यही हाल है. सब्जी का बाजार भाव आलू- 30 से 35 रुपये/किलो प्याज- 40 से 45 रुपये/किलो टमाटर- 60 से 70 रुपये/किलो परवल- 60 से 70 रुपये/किलो फूल गोभी- 40 से 50 रुपये/पीस धनिया पत्ता- 200 से 225 रुपये/किलो खीरा- 40 से 50 रुपये/किलो भिंडी- 35 से 40 रुपये/किलो करेला- 50 से 60 रुपये/किलो बैंगन 55 से 60 रुपये/किलो कद्दू- 25 से 30 रुपये/पीस तोरई- 35 से 40 रुपये/किलो हरी साग- 40 से 50 रुपये/किलो

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