बारिश ने कांवरिया पथ की खोली पोल, कीचड़मय हुआ सड़क, विधायक ने जतायी आपत्ति
टेंडर निकालकर करीब 5 करोड़ की लागत से गंगा का महीन बालू बिछाव का कार्य किया गया है
बांका. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का जिला अंतर्गत 55 किलोमीटर कच्ची मार्ग पड़ता है. जिस पर पथ निर्माण विभाग के द्वारा टेंडर निकालकर करीब 5 करोड़ की लागत से गंगा का महीन बालू बिछाव का कार्य किया गया है. लेकिन बारिश के बीच कांवरिया पथ अधिकतर जगह कीचड़मय हो गया है. जगह-जगह पथ पर कीचड़ फैला हुआ है. मिट्टी भी बह गया है. और तो और इस कच्ची मार्ग के कई जगहों पर बालू का नामोनिशान भी नहीं बचा है. इस तरह का मामला पथ के कटोरिया समीप छपरहिया धर्मशाला व नालंदा सेवा शिविर, बेलहर सहित अन्य जगहों पर कांवरिया कीचड़ सने मार्गों से गुजरने को विवश हैं. दंड देकर बाबा धाम जाने वाले कांवरिया का पूरा शरीर कीचड़मय हो जा रहा है. उधर स्थानीय लोगों की मानें तो इस बार कांवरिया पथ पर बालू विछाव में खानापूर्ति की गयी है. विधायक मनोज यादव ने उठाया है सवाल- बेलहर विधायक मनोज यादव ने कांवरिया पथ में गंगा का महीन बालू प्राक्कलन के अनुसार नहीं देने को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने बताया है कि मामले को लेकर डिप्टी सीएम सह पथ निर्माण मंत्री विजय सिन्हा से मिलकर मामले की जानकारी दी गयी थी. साथ ही विभाग के अपर प्रधान सचिव को भी पत्र देकर मामले में संज्ञान लेने की अपील की गयी है. विधायक ने आगे कहा है कि कांवरिया पथ की जर्जर स्थिति के बारें में समय समय पर जिलाधिकारी को भी मामले की जानकारी दी गयी है. बावजूद कांवरिया पथ की स्थिति जर्जर बनी हुई है. बताया कि इस मार्ग से होकर देश के कोने कोने से श्रद्धालु गुजरते हैं. ऐसे में जिला की बदनामी हो रही है. कहते हैं कार्यपालक अभियंता- इस संबंध में विभाग के कार्यपालक अभियंता रणधीर कुमार ने बताया है कि बारिश के कारण कांवरिया मार्ग के कुछ जगहों पर मिट्टी गिली होने के कारण मार्ग कीचड़मय हो गया है. पानी के बहाव के साथ बालू भी बहने की बात सामने आयी है. इसको लेकर संबंधित संवेदक को अविलंब बालू बिछाने का निर्देश दिया गया है. टंगेश्वर सहित अन्य जगहों पर बालू का डंपिंग जोन बनाया गया है.
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