इंटर छात्र का कमाल, ऐसी कलाकारी की सामने शक्ल देख उकेर देता है तस्वीर
इंटर का यह छात्र किसी की भी सामने से शक्ल देखकर ऑन-द-स्पाॅट हुबहू तस्वीर कागज पर उकेरने में माहिर है.
प्रभात खबर-खास -फुल्लीडुमर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत केड़िया इनावरण का विनय वर्णवाल चित्रकारी के क्षेत्र में बढ़ा रहा कदम बांका. कला भी विद्या का ही रूप है. कोई संगीत तो किसी को अभिनय की कला पसंद है. इसी कड़ी में एक लड़का तेजी से चि़त्रकारी के क्षेत्र में उभर रहा है. करीब साल भर पहले उसकी कलाकारी सामने आयी थी. लेकिन, बीते एक साल के दरम्यान उसने अपनी प्रतिभा में काफी निखार लाया है. यद्यपि, उसकी कला का डीएम, एसपी जैसे आलाधिकारी भी कायल हो गये हैं. जी हां, बात हो रही है फुल्लीडुमर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत केड़िया इनावरण गांव निवासी विजय वर्णवाल के पुत्र विनय वर्णवाल की. इंटर का यह छात्र किसी की भी सामने से शक्ल देखकर ऑन-द-स्पाॅट हूबहू तस्वीर कागज पर उकेरने में माहिर है. अभी तक इसने करीब 400 से अधिक तस्वीर बनायी है. सभी एक से एक प्रतीत होता है. बीते दिनों डीएम अंशुल कुमार व एसपी डाॅ. सत्यप्रकाश को भी उनकी तस्वीर बनाकर भेंट किया था. जिसके बाद दोनों वरीय अधिकारियों ने डायरी के साथ शुभकामनाएं भी दी. साथ ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया. युवा चित्रकार विनय अभी बौंसी स्थित एसबीपी विद्या बिहार विद्यालय में विज्ञान की पढ़ाई करता है. उनके पिता बताते हैं कि विनय को बचपन से ही चित्रकारी का शौक था. लेकिन, बीते दो साल से इसने पेंसिल पकड़ी और कागज पर चित्र उकेरना प्रारंभ कर दिया है. इसके लिए विनय ने कहीं से भी कोई कोर्स नहीं किया है. बल्कि घर पर ही अभ्यास करते-करते वह इस क्षेत्र में काबिल बनता जा रहा है. पिता का कहना है कि उनका पुत्र पेंटिंग के क्षेत्र में ही आगे बढ़ना चाहता है. वह पुत्र के फैसले के साथ हैं. उसे इस क्षेत्र में उच्चतम शिक्षा दिलाने का भरपूर प्रयास करेंगे. चित्रकारी के बदौलत न केवल अपने गांव , प्रशासनिक क्षेत्र में ही नहीं अपितु अपने विद्यालय में भी वह काफी लोकप्रिय बन गया है. विनय के इस मेहनत से माता-पिता व गांव के लोग भी काफी खुश हैं. पूर्व जिप सदस्य व शिक्षक नरेश यादव ने बताया कि यह छात्र काफी होनहार व लगनशील है. यदि इस क्षेत्र में आगे बढ़े तो निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने गांव व जिला का नाम रोशन करेगा. छात्र सह चित्रकार विनय की मानें तो वह निश्चित रूप से चित्रकारी के क्षेत्र में बढ़ेंगे. आज के दौर में चित्रकार का महत्व और अधिक बढ़ गया है. चित्रकार के कद्रदानों की भी संख्या पहले के मुकाबले काफी बढ़ गयी है. उनका सपना है कि अपने गांव का नाम आगे ले जाये.
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