आर्थिक तंगी से परेशान दुकानदार ने की आत्महत्या, श्रावणी मेला नहीं लगने के कारण था परेशान

बांका: लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे बासुकिनाथ के दुकानदार पंकज कुमार साह (30) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है. वह जरमुंडी बासुकीनाथ पानी टंकी के पीछे वार्ड-4 चूड़ी व प्रसादी दुकान से परिवार का भरण-पोषण करता था. मृतक बिहार के ढाका मोड़ निवासी नरेश साह का पुत्र था. घटना शुक्रवार रात की बतायी जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 12, 2020 7:48 AM

बांका: लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे बासुकिनाथ के दुकानदार पंकज कुमार साह (30) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है. वह जरमुंडी बासुकीनाथ पानी टंकी के पीछे वार्ड-4 चूड़ी व प्रसादी दुकान से परिवार का भरण-पोषण करता था. मृतक बिहार के ढाका मोड़ निवासी नरेश साह का पुत्र था. घटना शुक्रवार रात की बतायी जा रही है.

श्रावणी मेला नहीं लगने के कारण था परेशान

वह अपनी पत्नी सुनीता देवी व दो बच्चों के साथ एक कमरे के घर में रहता था. स्थानीय लोगों ने बताया कि लॉकडाउन व श्रावणी मेला नहीं लगने के कारण परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. कई लोगों से कर्ज लेकर तीन महीना से घर का खर्चा चलाता था. सावन में कमा कर कर्ज चुकाने का वायदा कर महाजन से कर्ज लिया था. लोगों ने बताया कि तनाव के कारण वह शराब के नशे में धुत्त रहता था. शुक्रवार की देर शाम वह रोज की तरह शराब पीकर घर आया. पत्नी से विवाद हो गया. बच्चा व पत्नी को घर से बाहर निकाल कर कमरे का दरवाजा बंद कर दिया. पत्नी मारपीट के डर से घर के बाहर चुपचाप बैठ गयी. कुछ देर बाद उसकी पत्नी घर के दरवाजे को खोलना चाहा. पर वह अंदर से बंद ही था. उसने जब दरवाजे के छिद्र से देखा तो उसने उसे कमरे के अंदर पंखे से झुलते पाया.

प्रसाद व चूड़ी दुकान से परिवार का करता था भरण-पोषण

कोरोना संकट से उपजे हालात के कारण दुकानदार ने अपनी जान दे दी है. लोगों ने बताया वह पहले शराब नहीं पीता था. पर आर्थिक तंगी के बाद तनाव के कारण प्रतिदिन पीना शुरू कर दिया था. घटना की जानकारी लोगों ने रात में ही पुलिस को दी. पर ज्यादा रात होने के कारण पुलिस उसके घर नहीं पहुंची. सुबह होते ही पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. लोगों से जानकारी ली. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए दुमका भेजा. मृतक के परिजन भी बिहार, ढाका से बासुकिनाथ पहुंचे. इस घटना से स्थानीय लोग व अन्य बाहरी दुकानदार भी सहमे हैं.

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