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श्रावणी मेला 2022: सावन में दो बार जलार्पण करते दोनों हाथों से दिव्यांग शंकर, आम कांवरियों से रफ्तार तेज

सुल्तानगंज से बाबाधाम तक की कांवर यात्रा कर रहे गया जिले के शंकर ठाकुर दोनों हाथों से दिव्यांग हैं लेकिन बैद्यनाथ पर उनकी आस्था ऐसी है कि वो जलार्पण करने पैदल यात्रा पर निकले हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2022 5:03 PM
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दीपक चौधरी, कटोरिया: श्रावणी मेला 2022 की शुरुआत होते ही सुल्तानगंज से देवघर तक कांवरिया पथ केसरिया रंग से पट गया है. कांवरिया पथ पर अलग-अलग उम्र के कांवरिया चलते दिखते हैं. लेकिन कुछ कांवरिया ऐसे भी होते हैं जिनपर जाकर सबकी निगाहें थम जाती है. ऐसे ही एक कांवरिया हैं शंकर ठाकुर जो दोनों हाथों से दिव्यांग हैं लेकिन बाबा बैद्यनाथ के प्रति उनकी भक्ति अपार है.

सुल्तानगंज से बाबाधाम की डगर पर भक्त व भक्ति का एक से बढ़कर एक अनूठा रूप देखने को मिल रहा है. इनमें गया जिला के एक शिवभक्त की भोलेनाथ के प्रति अटूट आस्था व श्रद्धा को देख श्रद्धालु दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाते हैं.

गया जिला के अलीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत हाड़ी-मकदुमपुर गांव निवासी मुनी ठाकुर का 35वर्षीय पुत्र शंकर ठाकुर भले ही जन्म से ही दोनों हाथों से दिव्यांग हैं. लेकिन वे प्रत्येक सावन महीना में दो बार पैदल यात्रा करते हुए बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर जलार्पण करते हैं.

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दिव्यांग शिवभक्त शंकर ठाकुर की यह संकल्प यात्रा कई वर्षों से जारी है. रविवार को कांवरिया पथ के राजबाड़ा के निकट प्रभात-खबर से बातचीत के दौरान भक्त शंकर ठाकुर ने बताया कि इस वर्ष तीन बार बाबाधाम में जलार्पण करने का लक्ष्य रखा है. सावन की पहली सोमवार को जलार्पण को लेकर वे अन्य कांवरियों की अपेक्षा तेज रफ्तार से कदमों को बढ़ाते चलते हैं.

वैसे तो इस बार उनके साथ गांव के अन्य छह श्रद्धालु कांवर यात्रा कर रहे हैं. लेकिन अगले जलार्पण पर वे अकेले बाबाधाम की यात्रा करेंगे. दिव्यांग शंकर ठाकुर कांवरिया पथ में आकर्षण का भी केंद्र बने रहे. उन्होंने बताया कि वे पैर के सहारे ही ग्लास से पानी पी लेते हैं. पैर से ही रोटी भी पका लेते हैं. बाबा दरबार पहुंच कर अपने घर परिवार के लिये सुख, शांति व समृद्धि की कामना करेंगे.

Published By: Thakur Shaktilochan

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