17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Sawan 2022: कांवरियों की मस्ती का स्पॉट गोडियारी नदी, समय के साथ बदलती रही सूरत, जानें खासियत

सावन मेला 2022 के दौरान कांवरियों को गोडियारी नदी का बेसब्री से इंतजार रहता है. गोडियारी नदी की सूरत अब बदल गयी है लेकिन आज भी ये कांवरियों के लिए मस्ती का स्पॉट बना हुआ है. जानें क्या है वजह

श्रावणी मेला 2022 की शुरुआत होते ही कांवरिया पथ पूरे दो साल के बाद फिर एकबार केसरिया रंग से पट गया है. मौसम इस बार कांवरियों का साथ भले ही नहीं दे रहा हो लेकिन भक्ति रंग में सराबोर कांवरियों का जत्था बेहद उत्साह के साथ कांवरिया पथ पर झूमते हुए नजर आ रहे हैं. कांवर यात्रा के दौरान गोडियारी नदी का इंतजार सभी कांवरियों को रहता है. गोडियारी नदी एक मनोरंजन स्थल से कम नहीं दिखता. वहीं समय के साथ इस नदी की सूरत जरूर बदल गयी लेकिन आज भी कांवरिया यहां रूककर अपनी थकान मिटाना नहीं भूलते.

गोडियारी नदी में थकान मिटाते कांवरिये

सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर कांवरिया 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करके बाबाधाम देवघर तक पहुंचते हैं. यह लंबी यात्रा कोई कांवरिया एक या दो दिन तो कोई इससे अधिक समय में तय करता है. वहीं करीब 85 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वो बांका जिला अंतर्गत बहने वाली गोडियारी नदी तक पहुंचते हैं. गोडियारी नदी पहुंचकर कांवरिये अपनी थकान मिटाना नहीं भूलते. आज इस नदी की सूरत बदल चुकी है.

पहले की गोडियारी नदी

एक दौर था जब गोडियारी नदी पर पुल नहीं बना था. कांवरियों को पानी में उतरकर नदी पार करके ही जाना पड़ता था. नदी में रेत की मात्रा काफी अधिक रहती थी. 80 से 85 किलोमीटर की दूरी तय करके जब कांवरिया यहां पहुंचते थे तो नदी किनारे और कम पानी के अंदर बैठकर आराम करने से नहीं चूकते थे.

Undefined
Sawan 2022: कांवरियों की मस्ती का स्पॉट गोडियारी नदी, समय के साथ बदलती रही सूरत, जानें खासियत 5
गोडियारी में भुट्टा खाने का मजा

आस-पास के गांव के लोग यहां भुट्टा पकाते और कांवरिया इन्ही भुट्टों का स्वाद लेते. ग्रामीणों को दो रूपया कमाने का भी इससे मौका मिलता था. यहां कई फोटोग्राफर भी घूमते मिलते जिससे फोटो खिंचवाने की होड़ रहती थी.

Undefined
Sawan 2022: कांवरियों की मस्ती का स्पॉट गोडियारी नदी, समय के साथ बदलती रही सूरत, जानें खासियत 6
श्रावणी मेला 2022 और गोडियारी की सूरत

समय के साथ गोडियारी नदी की अब सूरत बदल गयी. नदी पर पुल जरूर बना दिया गया लेकिन आज भी कांवरिया इस पुल होकर नहीं जाते बल्कि नदी के रास्ते ही जाना पसंद करते हैं. बात श्रावणी मेला 2022 की करें तो अब गोडियारी नदी में पानी नाम मात्र ही बचा. लेकिन फिर भी कांवरिया मस्ती करते दिखते हैं.

Also Read: Sawan 2022: माता-पिता को कांवर पर बैठाकर बाबाधाम निकले बेटा-बहू, जानिये कलयुग के श्रवण कुमार की कहानी
Undefined
Sawan 2022: कांवरियों की मस्ती का स्पॉट गोडियारी नदी, समय के साथ बदलती रही सूरत, जानें खासियत 7
रेत में भी मस्ती करते हैं कांवरिये

नदी में अब पानी की जगह रेत है लेकिन स्थानीय लोगों ने पाइप से पानी की सुविधा कांवरियों की मस्ती के लिए की है. रेत पर ही दुकानें सजी हैं. कांवरिया इसमें खाने-पीने भी रूकते हैं और फोटोशूट भी कराते हैं. एक तरह से गोडियारी नदी होकर गुजरते कांवरिये यहां के स्थानीय लोगों की उम्मीदें भी हैं.

Undefined
Sawan 2022: कांवरियों की मस्ती का स्पॉट गोडियारी नदी, समय के साथ बदलती रही सूरत, जानें खासियत 8
गोडियारी नदी से बाबाधाम 

बता दें कि गोडियारी नदी के इस पार यानी पहले इनारावरण पड़ाव के रूप में आता है. जबकि गोडियारी नदी पार करने के तीन किलोमीटर बाद पटनिया आता है. बाबाधाम की दूरी यहां से करीब 14 से 15 किलोमीटर बचती है.

(बांका से अमरेंद्र कुमार पांडेय की रिपोर्ट)

Published By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें