बांका : दक्षिणी क्षेत्र में रविवार की देर रात तेज बारिश की वजह से एकाएक चांदन नदी का जलस्तर सोमवार को बढ़ गया. इसमें तेज बहाव भी था. एमआरडी के पास चांदन नदी में अचानक पानी आने के बाद कई वाहन पानी में ही फंस गये. कई बाइक सवार बहने लगे. अफरा-तफरी का माहौल पनप गया. हालांकि, किसी तरह बाइक वाले सुरक्षित बाहर निकले. परंतु एक बोलेरो पानी में काफी देर तक फंसा रहा. इसमें सवार यात्री की जान भी जोखिम में पड़ गये थे, परंतु किसी तरह सभी सुरक्षित बाहर निकल गये. वहीं दूसरी ओर बालू ढोने के लिए बनाया गया अस्थायी डायवर्सन भी तेज बहाव के कारण दो जगहों से कट गया. जिसकी वजह से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया. यही नहीं इसपर कई हाइवा व ट्रक भी बालू लोडेड फंस गया. बालू अनलोड कर देर शाम तक फंसे हुए वाहनों को निकालने की कार्रवाई चलती रही.
चांदन नदी का अस्थायी डायवर्सन पुन: टूटने के बाद आधा बांका का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. मुख्य रुप से बांका प्रखंड क्षेत्र का आधा हिस्सा के साथ बाराहाट, बौंसी, रजौन व धोरैया इलाके के लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क खत्म हो गया है. हालांकि, लोग पानी में उतर कर नदी पार करने लगे, परंतु कमर भर पानी होने के ज्यादातर लोगों की हिम्मत जवाब दे गयी. ज्ञात हो कि इससे पहले 31 मई को भी अस्थायी डायवर्सन पानी आने की वजह से टूट गया था. लोगों का कहना है कि अब तो बरसात का समय आ गया है. अस्थायी डायवर्सन का टिकना मुश्किल है. लोगों ने ठोस वैकल्पिक उपाय करने की मांग की. वहीं अचानक पानी आने के बाद दोनो ओर लोगों की भीड़ जमा हो गयी थी. काफी हो-हल्ला भी हुआ. यही नहीं लोगों को सावधान होने की भी नसीहत दी गयी. चूंकि, पानी में उतर कर नदी पार करना काफी खतरनाक साबित हो सकता था. बताया जाता है कि नदी में कई जगह कुंड है, अगर उसमें किसी तरह पैर चला गया तो बचना नामुमकिन हो जाता है. यह भयावह स्थिति केवल जिला मुख्यालय स्थित एमआरी वाले चांदन नदी क्षेत्र की नहीं बल्कि आगे डुबौनी घाट में भी कई हाइवा व ट्रक अस्थायी डायवर्सन टूटने के बाद पानी में डूब चलते गये.
एमआरडी स्कूल के आगे डायवर्सन टूटने के बाद राहगीरों ने प्रतिबंधित क्षतिग्रस्त चांदन पुल पर से ही जान-जोखिम में डालकर आर-पार होना शुरु कर दिया. देखा गया कि युवा, बुजुर्ग, यहां तक की महिलाएं भी दीवार फांदकर उसपार होने लगी. हालांकि, किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी. देखा गया कि कुछ इंच पर पांव रखकर भी लोग किसी तरह पार हो रहे थे. जरा सी चूक होती तो जान जाने का खतरा भी था.बताया जाता है कि एक बुजुर्ग क्षतिग्रस्त पुल में बने गड्ढे में गिरते-गिरते बच गये. ज्ञात हो कि पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद पैदल आवागमन भी बंद कर दिया गया है. सुरक्षा के लिए पुल के दोनो तरफ ईट की बड़ी-बड़ी दीवारें बना दी गयी है.
सोमवार को दोपहर बाद रिमझिम बारिश जबकि शाम में कई इलाकों में तेज बारिश की सूचना है. बारिश से मौसम सुहाना हुआ ही लोगों ने गर्मी से राहत भी ली. परंतु इस बारिश से चांदन का जलस्तर बढ़ने की संभावना नजर आ रही है. अगर जलस्तर में वृद्धि हुयी तो हाल तक क्षतिग्रस्त अस्थायी डायवर्सन को मरम्मत कर पाना भी संभव नहीं होगा.