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जिउतिया की खरीदारी को लेकर बाजार रहा गुलजार, देर शाम तक मार्केट में होती रही खरीदारी.

हरी सब्जी की लोगों ने जमकर खरीदारी की

-हरी सब्जी का भाव रहा सातवें आसमान पर तो फल की कीमत में रहा उछाल. -महंगाई को देखते हुए लोगों ने अपनी आवश्यकता के अनुसार की सब्जी की खरीदारी. -कही सोमवार को हुआ नहाय-खाय तो कुछ इलाके में आज होगा नहाय-खाय के साथ व्रत की शुरुआत. चंदन कुमार, बांका. जिलेभर के विभिन्न बाजार में जिउतिया पर्व को लेकर काफी चहल पहल देखी गयी. पर्व को लेकर सोमवार के दिन बाजार में रौनक बढ़ी थी. अन्य दिनों के अपेक्षा खरीदारों की संख्या वृद्धि देखी गयी. जिउतिया पर्व को लेकर सब्जी का कीमत आसमान छू रही थी. शहर के शिवाजी चौक स्थित सब्जी मार्केट, गांधी चौक स्थित सब्जी दुकान, पुरानी ठाकुरबाड़ी स्थित सब्जी हाट सहित कई जगहों पर लगने वाले सब्जी मंडी में सब्जी का बाजार गर्म था. जिउतिया पर्व को देखते हुए हरी सब्जी की महंगाई सातवें आसमान पर थी. जिउतिया के नहाय-खाय दिन के लिए झिंगी सतपुतिया, कंदा, नोनी साग, बोडा, लाल साग सहित विभिन्न प्रकार की हरी सब्जी की लोगों ने जमकर खरीदारी की. बाजार में सतपुतिया 60 रुपये किलो, नोनी साग 100 रुपये किलो बिक रहा था. हालांकि जिउतिया के नहाय खाय को लेकर लोगों में संशय बरकरार था अधिकतर महिलाएं ने सोमवार को जिउतिया का नहाय खाय मनाया. वहीं कुछ इलाके में मंगलवार यानि आज नहाय-खाय के साथ जिउतिया पर्व की शुरुआत की जायेगी. -जिउतिया पर्व पर फलों की बिक्री हुआ तेज. जिउतिया पर्व को लेकर सब्जी के साथ-साथ फल की भी बिकी में तेजी देखा गया. सोमवार को फल मंडी में खरीदारों की संख्या बढ़ी थी. बाजार में खरीदारों की संख्या बढ़ने के कारण बाजार गुलजार दिख रहा था. जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बाजारों में महिलाओं की टोली पूजन सामग्री से लेकर साड़ी, कपड़ा सहित पर्व को लेकर सोने चांदी की खरीदने में जुटी थी. इस पर्व में महिलाएं अपने पुत्र की सलामती के लिए पूजा-अर्चना करती है. साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि जो इस व्रत की कथा को सुनता है वह जीवन में कभी संतान वियोग नहीं होता है. संतान के सुखी और स्वस्थ्य जीवन के लिए यह व्रत रखा जाता है. -नहाय खाय, निर्जला व्रत एवं पारण की विधि. जितिया व्रत की शुरुआत छठ की तरह नहाय खाय से होती है. इस दिन माताएं सुबह उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करती हैं और पूजा करती हैं. पूजा के दौरान महिलाए व्रत संकल्प लेती हैं. नहाय खाय के दिन महिलाएं सिर्फ एक बार ही भोजन कर सकती हैं. जितिया व्रत के पहले दिन की रात को घर की छत पर चारों दिशाओं में कुछ खाना रखा जाता है. व्रत के दूसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाएं बिना जल के रहती हैं और अगले दिन यानी कि पारण होने तक कुछ नहीं खाती हैं. निर्जला व्रत में कुछ खाया या पिया नहीं जाता है. वहीं जितिया व्रत के तीसरे यानी आखिरी दिन पारण किया जाता है. हालांकि अलग-अलग इलाके में अलग-अलग विधि से पारण किया जाता है. व्रत का पारण प्रात: काल में ही किया जाता है. पारण के बाद किसी भी तरह का भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है. -पर्व पर रहा सब्जी का भाव. सतपुतिया-40 से 60 रुपया किलो. नोनी साग-80 से 100 रुपये किलो. कच्चू -50 से 60 रुपया किलो. टमाटर 70 से 80 रुपया किलो. कद्दू-30 से 40 रुपया प्रति पीस. करेला-40 से 60 रुपया किलो. खीरा 40 से 50 रुपया किलाे. परवल-50 से 60 रुपया किलो. बैंगन-40 से 50 रुपया किलो. फूलगोभी-40 से 45 रुपया प्रति पीस. बंधागोभी-40 से 50 रुपया किलो. तोरई-40 से 50 रुपया किलो. ओल-70 से 80 रुपया किलो. कूष्मांड (कदीमा)-30 से 40 रुपया किलो. बांस का डलिया-40 से 50 रुपया प्रति पीस. खाजा-120 से 150 रुपया किलो.

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