सरकारी तालाब के अस्तित्व पर खतरा, भू-माफिया बेचने की बना रहे योजना
नगर पंचायत व प्रखंड क्षेत्र के सरकारी तालाबों के अस्तित्व पर लगातार संकट मंडरा रहा है.
बौंसी. नगर पंचायत व प्रखंड क्षेत्र के सरकारी तालाबों के अस्तित्व पर लगातार संकट मंडरा रहा है. प्रखंड क्षेत्र के कई सरकारी तालाब में मिट्टी भरकर भू-माफियाओं के द्वारा ओने पौने दामों पर बेच दिया गया है. ताजा मामला मंदार तराई के समीप सोवरनी पोखर का बताया जाता है. बताया जाता है कि यह बांध करीब दो बीघा में फैला हुआ है. जिसका खाता संख्या 1, 187 और 188 तथा खसरा 1787, 1788 एवं 196 है. जानकारों की माने तो इस पर सरकार का मालिकाना हक प्राप्त है. इस तालाब के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराना आरंभ हो गया है. बताया जाता है कि तालाब से करीब 100 से ज्यादा किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है. इस इलाके में सिंचाई का एकमात्र साधन तालाब ही है. मामले में किसान कुणाल कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह, दुर्गा मुर्मू, विनय कुमार सिंह, ईश्वर मुर्मू, मुकुल सिंह, प्रभाकर मंडल, कर्मवीर कुमार सिंह सहित दर्जनों किसानों ने एक हस्ताक्षर युक्त आवेदन जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता बांका, अनुमंडल पदाधिकारी बांका के साथ-साथ अंचल अधिकारी बौंसी को दिया है. आवेदन में किसानों ने आरोप लगाया है कि उक्त जमीन को कुछ स्थानीय लोग दबंग व भू-माफिया के साथ मिलकर चारों तरफ से पिलर से घेर कर बेचने की योजना बना रहे हैं. जिसकी वजह से उक्त पोखर के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. किसानों ने बताया कि यह तालाब इलाके में सिंचाई का साधन है. लेकिन इसके चारों ओर चुने का निशान लगाकर और पिलर गाड़कर भू-माफिया चले गए हैं. जिसकी जानकारी उन लोगों को बहुत बाद में हो पायी है. किसानों का कहना है कि पूर्वज के जमाने से ही इस तालाब के पानी से खेती होते आ रही है. इस मामले में पूछे जाने पर अंचलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि उक्त जमीन का मामला पटना हाईकोर्ट में लंबित है. लोगों को उक्त जमीन पर किसी भी तरह का काम नहीं करने का निर्देश दिया गया है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही उस जमीन पर किसी पक्ष के द्वारा कोई कार्य किया जा सकता है.
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