कहलगांव : कहलगांव शहर से सटे सैतपुर कुलकुलिया गांव निवासी विद्यानंद शास्त्री व कुमार दीनबंधु शास्त्री पर गंगा दियारा के आधा दर्जन अपराधियों ने गुरुवार की रात करीब 10 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग की. इसमें बड़े भाई विद्यानंद की मौके पर ही मौत हो गयी और दीनबंधु गंभीर रूप से जख्मी हो गया. गोलियों की तड़तड़ाहट से गांव में दहशत व्याप्त हो गयी. सूचना मिलते ही मौके पर कहलगांव थाना की पुलिस पहुंची और दोनों भाइयों को अनुमंडल अस्पताल ले गयी. डॉक्टर ने बड़े भाई विद्यानंद शास्त्री (38) को मृत घोषित कर दिया. उसे पेट में गोली लगी थी. दूसरे भाई को दायें पैर में गोली लगी है.
वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है.दोनों भाई ने अपराधियों को दोपहर में समझाया थासूत्रों के अनुसार गोलीबारी करने वाले अपराधी वर्षों से गांव के ठीक सामने गंगा पार में फसल लूटते रहे हैं. सात दिन पहले भी आमापुर मौजा स्थित एक किसान के बासा से बंदूक का भय दिखा अपराधियों ने सौ बोरा गेहूं लूट लिया था. पीड़ित किसान ने घटना की सूचना कहलगांव पुलिस को दी थी. इस गिरोह के कई सदस्य कुलकुलिया गांव के ही हैं. गुरुवार को कहलगांव पुलिस ने कुलकुलिया गांव पहुंचकर अपराधियों को घेर भी लिया था, लेकिन अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिससे पुलिस को पीछे हटने पड़ा. घटना के बाद दोनों भाई विद्यानंद और दीनबंधु ने अपराधियों को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी थी.
इसी बात को लेकर गंगा तट पर घात लगाये अपराधियों ने दोनों भाइयों पर हमला कर दिया.गंगा किनारे पानी टंकी के पास बैठा था विद्यानंदविद्यानंद गांव के बगल में गंगा किनारे स्थित बजरंगबली स्थान के पास पानी टंकी पर बैठा था. देर होने पर छोटा भाई दीनबंधु शास्त्री (30) उसे खाना खाने के लिए बुलाने आया. दोनों भाइयों को देखते ही घात लगाये आधा दर्जन अपराधियों ने उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. बड़े भाई के पेट में गोली लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. छोटे भाई के दायें पैर में गोली लगी है. अनुमंडल अस्पताल के डॉ संजय सिंह ने बताया कि वह खतरे से बाहर है.
अपराधियों की तलाश में घर-घर छपेमारी कर रही पुलिसघटना के बाद एसडीपीओ डॉ रेशु कृष्णा ने बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ अपराधियों की खोज में कुलकुलिया गांव में घर-घर सर्च अभियान शुरू कर दिया है. घटना में गांव के अपराधियों के शामिल होने की पुलिस को सूचना मिली है. ग्रामीणों ने बताया कि अपराधी घटना को अंजाम देकर नाव से गंगा की धार के रास्ते कोसी दियारा की ओर भाग निकले. ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर आक्रोश जताते हुए कहा कि पुलिस अगर दोपहर में सूचना मिलने पर सक्रिय होती तो गांव में छिपे अपराधियों को गिरफ्तार कर सकती थी और यह घटना नहीं होती. ग्रामीणों का कहना है कि यह गिरोह वर्षों से दियारा में फसल लूटता रहा है.