-भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 479 के प्रावधान से संबंधित जेल में जागरुकता शिविर का आयोजन बांका: एक तिहाई सजा काटने वाले विचाराधीन बंदियों को रिहाई मिल सकती है. एक विशेष प्रावधान के तहत रिहाई का रास्ता खुल गया है. इस निमित्त डीसीएलए के तत्वावधान में जागरुकता शिविर का गुरुवार को मंडल कारा बांका में आयोजित हुआ. सहायक जेल अधीक्षक रामनंदन पंडित के नेतृत्व में कोर्ट से पहुंचे अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह, करुणेश कुमार, विकास पांडेय, चंद्रशेखर, हिमांशु शेखर आदि ने बंदियों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 479 के प्रावधान से अवगत कराया. अधिवक्ताओं ने कहा कि नये कानून के तहत उन बंदियों को इसका लाभ दिया जायेगा, जो एक जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए अपराधिक मामलों में बंद विचाराधीन कैदी है. इस नये प्रावधान के अनुसार विचाराधीन बंदियों को सजा का एक तिहाई समय जेल में काटने के बाद रिहाई देने की बात कही गयी है. जो भी बंदी इस श्रेणी मे आते हैं वह इस लाभ के लिए आवेदन दे सकते हैं. जेल अधीक्षक के अनुशंसा पर इसे कोर्ट में प्रस्तुत किया जायेगा. इसके बाद न्यायालय के निर्देश पर इस प्रावधान का लाभ बंदी उठा सकते हैं. हालांकि, इसका लाभ वैसे बंदियों को भी देने की बात है जो आदतन अपराधी नहीं है. इसके अलावा अन्य कानून से संबंधित जानकारी बंदियों को दी गयी. सहायक जेल अधीक्षक ने बंदियों को इस प्रावधान का लाभ उठाने के लिए विधिवत आवेदन कार्यालय में जमा करने की बात कही.
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