किसान, मजदूरों की मांगों को लेकर निकली विशाल चेतावनी रैली
संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय श्रम संगठन, खेत मजदूर सहित आदिवासी संगठन जिला इकाई ने मंगलवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
बांका. संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय श्रम संगठन, खेत मजदूर सहित आदिवासी संगठन जिला इकाई ने मंगलवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इसको लेकर शहर के गांधी चौंक से जिला मुख्यालय तक चेतावनी रैली का आयोजन कर संगठन नेताओं ने अपनी मांगों को रखा. जिसमें किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी, स्मार्ट मीटर हटाने, डी बंधोपध्याय के सिफारिशों को लागू करने, बिहार में कृषि मंडी बहाल करने, वन अधिकार कानून 2006 को लागू करने आदि की मांग रखी. कहा कि देश के संसाधनों को कॉरपोरेट के हवाले करना बंद करो. मनरेगा को खेती से जोड़ो. पुराने पेंशन स्कीम को लागू करो. चार लेबर कानून खत्म कर 44 लेबर कानून पुन: बहाल करो सहित किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच हुए समझौते को लागू करने की मांग की. साथ ही समाहरणालय गेट की समीप नुक्कड़ सभा के जरिये संगठन नेताओं ने कहा कि देश के विकास में मजदूरों, किसानों सहित अन्य मेहनतकश वर्गों का अहम योगदन रहा है. उनकी उन्नति ही सही अर्थों में देश की प्रगति होगी, लेकिन वर्तमान सरकार बड़ी पूंजीपतियों, कॉरपोरेट घरानों और बड़े भूस्वामियों के लिए काम कर रही है. संगठन नेताओं ने पीएम के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन प्रभारी डीएम को सौंपा. जिसमें बिहार किसान समिति के पुकार जी, गांधीजी राय, मदन, किसान सभा के आनंदी यादव, आशिक सिद्यकी, खेत मजदूर यूनियन के मुनी लाल पासवान, अखिल भारतीय किसान महासाभा के रणवीर कुशवाहा, एक्टू के रामचंद्र दास, खेत मजदूर ग्रामीण महासभा के रीता देवी, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के अर्जुन पाल व कविंद्र पंडित सहित अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है