बिहार के इस गांव ने स्वच्छता के लिए की अनूठी पहल, कचरा प्रबंधन में कायम की मिसाल

बांका के दक्षिणी कोझी पंचायत में बीते साल से अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई निर्माण के साथ पंचायत के सभी वार्ड में डोर टू डोर कचरा उठाव प्रारंभ किया गया था. इससे गांव स्वच्छ और सुंदर बन गया है

By Anand Shekhar | June 14, 2024 6:38 PM

बिहार के बांका-बेलहर मुख्य मार्ग के समीप दक्षिणी कोझी पंचायत में नगर निकाय की तर्ज पर डोर टू डोर कचरा उठाव हर किसी का ध्यान खींच रहा है. फुल्लीडुमर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले इस पंचायत में बीते साल ही कचरा प्रबंधन के लिए मुख्य मार्ग के किनारे अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण किया गया है. आकर्षक ढंग से निर्मित कचरा संग्रहण केंद्र में प्रतिदिन पंचायत भर से जमा गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग बॉक्स में रखा जाता है. पुनः यहां से संग्रहित कचरा को एक साथ बड़ी मात्रा में रिसाइकिलिंग केंद्र में भेज दिया जाता है. जानकारी के मुताबिक, कचरा निस्तारण केंद्र में कचरे से जैविक उर्वरक सहित अन्य उत्पादन तैयार किये जाते हैं.

दरअसल, जिले भर में सभी पंचायत में लोहिया स्वच्छ बिहार मिशन के तहत अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण करने के साथ घर-घर से कचरा उठाव की व्यवस्था लागू की जानी है. डीएम अंशुल कुमार के निर्देश पर बांका में तेजी से सभी पंचायत में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण और कचरा का प्रबंधन शुरु किये जा रहे हैं. इससे न केवल कचरा का निस्तारण करना है बल्कि ग्रामीण क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाना है.

सभी वार्ड में स्वच्छता कर्मी की बहाली

उदाहरण के तौर पर जिस दक्षिणी कोझी पंचायत की चर्चा की जा रही है, यहां कुल 15 वार्ड हैं. सभी वार्ड में स्वच्छता कर्मियों की बहाली की गयी है. सभी को पाईडिल रिक्शा दी गयी है. इस रिक्शा में गिला एवं सूखा कचरा रखने के लिए अलग-अलग डब्बा भी लगाया गया है. प्रतिदिन स्वच्छता कर्मी आवंटित वार्ड में घर-घर पहुंचकर कूड़ा-कचरा का उठाव करते हैं और अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई में जमा करते हैं. इस नये सिस्टम ने बेरोजगारों को स्वच्छता कर्मी के रूप में गांव में ही रोजगार भी मुहैया करा दिया है.

एक रुपया उपयोगिता शुल्क

डोर-टू-डोर कचरा उठाव की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उपयोगिता शुल्क भी निर्धारित की गयी है. प्रत्येक घर से स्वच्छता कर्मी यदि कचरा का उठाव करते हैं तो उन्हें मामूली एक रुपया प्रतिदिन देना होगा. इसके एवज में उन्हें रसीद भी मुहैया करायी जाती है. यह सभी राशि नियमानुकूल जमा कर दी जाती है.

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