महिला हेल्प डेस्क से थाने का बोझ घटा, घरेलू हिंसा पर हो रही सख्त कार्रवाई
1146 मामले में समझौता कराया गया
प्रभात खबर-खास- जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक 2346 मामले पर हुई कार्रवाई फोेटो- खबर से संबंधित लोगो लगा देंगे…मदन कुमार, बांका: जिले में घरेलू हिंसा खासकर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार रोकथाम के लिए कार्यरत महिला हेल्प डेस्क कारगर साबित हो रहा है. इतना ही नहीं महिला हेल्प डेस्क की सक्रियता से विभिन्न थानों का बोझ भी कम हुआ है. विभागीय जानकारी के अनुसार जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक कुल 2346 मामले विभिन्न थानों में संचालित महिला हेल्प डेस्क में लिया गया, जिसमें से करीब 979 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए दोषि के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरु की गयी. 1146 मामले में समझौता कराया गया. यानी दोनों पक्षों को एक साथ और अलग-अलग बैठाकर तालमेल कराया गया, ताकि परिवार साथ-साथ हंसी-खुशी जीवन गुजर बसर कर सके. इसका बेहतर प्रभाव भी उन परिवारों में देखने की बात कही जा रही है. 192 मामले में 107 की कार्रवाई सुनिश्चित की गयी. प्राथमिकी की नौबत उन्हीं मामले में अधिक देखी जा रही है, जो प्राथमिकी की दृष्टि से उचित हो और समझौता से उसका निदान संभव न हो.
2020 से में एक्टिव है महिला हेल्प डेस्क
जानकारी के अनुसार एक जून 2020 को महिला हेल्प डेस्क का गठन किया गया. प्रथम चरण में 16 अक्टूबर 2020 को शंभुगंज, अमरपुर, बांका, बाराहाट, रजौन, बौंसी, बेलहर, कटोरिया व एससी-एसटी थाना में इसकी शुरुआत की गयी. द्वितीय चरण में 13 जून 2023 को चांदन, सूईया, धनकुंड, जयपुर, धोरैया, महिला थाना में यह एक्विट मोड में आया. जबकि, तीसरे चरण में पंजवारा थाना में भी यह व्यवस्था लागू कर दी गयी. महिला हेल्प डेस्क के लिए एक महिला पुलिस पदाधिकारी व दो महिला सिपाही को पदस्थापित किया गया. इनका मुख्य कार्य थाना में स्थापित महिला हेल्प डेस्क में महिलाओं की शिकायत व उनकी पीड़ा को सुनना आवेदन पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना है.माह वार महिला हेल्प डेस्क में पहुंची शिकायत की संख्या
जनवरी- 283फरवरी- 278मार्च- 328अप्रैल- 325मई- 345जून- 394जुलाई- 393—————–महिला हेल्प डेस्क से घरेलू हिंसा में रोकथाम हो रहा है. महिलाएं खुलकर अपनी बात रख रही है. उनमें हिचक नहीं है.अनिता कुमारी गुप्ता, पुलिस निरीक्षण सह प्रभारी महिला हेल्प डेस्क, बांका
———————महिला हेल्प डेस्क ने महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिया है. अब उनकी शिकायत विशेष तौर पर सुनी जा रही है. इससे महिला हिंसा में कमी आ रही है. समझौता के प्रयास से दो परिवार व दो व्यक्ति के बीच खटास कम हो रहे हैं. इसके अतिरिक्त थानों का भी अतिरिक्त बोझ कम हो रहा है.विनोद कुमार, नोडल पदाधिकारी सह डीएसपी मुख्यालयB
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