हर 5 किमी में बैंकिंग सुविधा, फिर भी राष्ट्रीय औसत से पीछे है बिहार

राज्य में पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग सुविधाओं खासकर डिजिटल बैंकिंग का काफी तेजी से विकास हुआ है. इसी का नतीजा है कि पहले यहां 10-12 किमी पर लोगों को बैंकिंग सुविधाएं मिलती थी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 27, 2021 8:53 AM

पटना. राज्य में पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग सुविधाओं खासकर डिजिटल बैंकिंग का काफी तेजी से विकास हुआ है. इसी का नतीजा है कि पहले यहां 10-12 किमी पर लोगों को बैंकिंग सुविधाएं मिलती थी. अब यह औसत घटकर प्रति पांच किमी के दायरे में एक बैंक शाखा का हो गया है. यानी राज्य में हर पांच किमी पर एक बैंकिंग टच प्वाइंट (बीटीपी) उपलब्ध है.

यह बीटीपी पक्की इमारत वाली बैंक शाखाओं के अलावा कस्टमर सर्विस प्वाइंट (सीएसपी) या ग्राहक सेवा केंद्र के रूप में मौजूद हैं. राज्य में अभी सीएसपी की संख्या 30 हजार 900 है, जिसमें इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक भी शामिल है.

बिना इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के सीएसपी की संख्या 20 हजार 507 है. इतनी बड़ी संख्या में सीएसपी खुलने के कारण ही राज्य में डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में क्रांति आयी है और यह प्रत्येक पांच किमी में बीटीपी के राष्ट्रीय मानक को प्राप्त कर पाया है. परंतु जनसंख्या के आधार पर बैंक शाखाओं की संख्या की बात की जाये, तो बिहार अभी भी राष्ट्रीय औसत से पीछे है. राष्ट्रीय औसत के अनुसार प्रति 11 हजार की आबादी पर बैंक की एक शाखा है, जबकि बिहार में प्रति 16 हजार के आसपास की आबादी पर एक बैंक शाखा का औसत है.

राज्य में अभी 3309 बैंक शाखाओं की जरूरत

इस आधार पर राज्य में बैंक शाखाओं की संख्या सात हजार 600 है. इसमें तीन हजार 684 ग्रामीण, दो हजार 301 अर्द्धशहरी और एक हजार 615 शहरी क्षेत्रों में शाखाओं की संख्या है. राष्ट्रीय औसत को प्राप्त करने के लिए राज्य में बैंकों की 10 हजार 909 शाखाएं होनी चाहिए.

इस तरह राज्य में अभी तीन हजार 309 नयी बैंक शाखाओं की और जरूरत है. राज्य सरकार ने नये वित्तीय वर्ष में नयी शाखाएं खोलने के लिए एक हजार 78 पंचायत सरकार भवन चिह्नित करके दिये हैं, ताकि इनमें बैंक अपनी शाखाएं खोल सकें. नये वित्तीय वर्ष में अधिक- से -अधिक संख्या में पक्की इमारत वाली शाखाएं खोलने पर फोकस किया जा रहा है.

सिर्फ 12% लोगों के पास ही ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएं

राज्य में एटीएम की संख्या छह हजार 580 है. वहीं, खाता धारकों की संख्या 10 करोड़ 19 लाख से ज्यादा है. इसमें 70 लाख लोग इंटरनेट बैंकिंग और 61 लाख लोग मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करते हैं. यानी राज्य में एक करोड़ 31 लाख खाता धारक ही ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़े हुए हैं और ऑनलाइन लेन-देन समेत अन्य सुविधाओं का उपयोग करते हैं.

कुल खाता धारकों में सिर्फ 12 प्रतिशत लोग ही ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाओं से जुड़े हैं. यहां की बड़ी आबादी ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का उपयोग नहीं करती है. हालांकि, राज्य में रोजाना 10 लाख से ज्यादा लेन-देन ऑनलाइन या आरटीजीएस के माध्यम से होते हैं.

Posted by Ashish Jha

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