बांकीपुर से पाटलिपुत्र : पटना का चौथा बस स्टैंड है बैरिया में बना अंतरराज्यीय बस टर्मिनल
रामाचक बैरिया का नवनिर्मित पाटलिपुत्रा बस टर्मिनल शहर का चाैथा बस स्टैंड है, जो शनिवार से पूरी तरह फंक्शनल हो गया. शहर का सबसे पुराना बस स्टैंड वस्तुत: पटना जंक्शन के सामने था.
अनुपम कुमार, पटना. रामाचक बैरिया का नवनिर्मित पाटलिपुत्रा बस टर्मिनल शहर का चाैथा बस स्टैंड है, जो शनिवार से पूरी तरह फंक्शनल हो गया. शहर का सबसे पुराना बस स्टैंड वस्तुत: पटना जंक्शन (बांकीपुर) के सामने था.
उसके बाद 1980 में हार्डिंग पार्क मेंं बस स्टैंड शिफ्ट हो गया. 2003 से 05 के बीच मीठापुर में बस स्टैंड शिफ्ट हुआ व 16 वर्षों बाद उसे मीठापुर से रामाचक बैरिया शिफ्ट किया गया.
पटना जंक्शन के सामने था सबसे पुराना बस स्टैंड
शहर का सबसे पुराना बस स्टैंड पटना जंक्शन के सामने सड़क के पार गोलंबर और बांकीपुर जेल (वर्तमान में बुद्ध स्मृति पार्क) से जुड़े हुए क्षेत्र में था, जहां अभी प्राइवेट सिटीराइड बसें खड़ी होती हैं.
यहां से केवल बीएसआरटीसी की बसें खुला करती थी. बिहार झारखंड उन दिनों एक थे और बीएसआरटीसी की 1700 बसें दोनों जगह दौड़ा करती थीं. 1992 तक पटना जंक्शन से बीएसआरटीसी की बसें खुलीं.
हार्डिंग पार्क से खुलती थीं प्राइवेट बसें
हार्डिंग पार्क बस स्टैंड बनने से पहले से ही प्राइवेट बसें वहीं से खुलती थी. हलांकि इनकी संख्या 100 से भी कम थी. गांधी सेतु के शुरू होने के साथ 1984 में बसों की संख्या में तेज वृद्धि शुरू हुई और उत्तर बिहार के लिए 500 से अधिक बसें शुरू हो गयी.
इसी के साथ हार्डिंग पार्क में प्राइवेट बसों के लिए स्टैंड बनाया गया. लेकिन बसों की वृद्धि की रफ्तार इतनी तेज थी कि यह तीन चार सालों के भीतर 500 से एक हजार, फिर डेढ़ हजार और 1995 तक आते आते लगभग दो हजार हो गया.
मुख्य शहर में होने के कारण हार्डिंग पार्क में जगह सीमित थी जिसके कारण इतनी अधिक संख्या में वहां बसों को खड़ा करने में भी परेशानी हो रही थी. इसी को देखते हुए मीठापुर बस स्टैंड के निर्माण की योजना बनी और 2004 में वहां बसों का स्थानांतरण शुरू हुआ जो 2005 में पूरा हुआ. 2010 से वहां से बीएसआरटीसी की बसें भी परिचालित होने लगी.
Posted by Ashish Jha