बिहार के बैंकों ने खोज निकाले 300 करोड़ अनक्लेंड मनी के 317 खाताधारी, 71 खातों में ही हैं 42 करोड़

इस अभियान का उद्देश्य 100 दिनों की अवधि के भीतर सभी जिलों के प्रत्येक बैंक में शीर्ष 100 लावारिस जमा राशि (अनक्लेम्ड मनी) का पता लगाना और उसका निबटारा करना है. रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद बिहार में बैंकों ने 317 अनक्लेम्ड खाताधारी को खोज निकाला है और उन्हें करीब 10 करोड़ का भुगतान भी किये गये हैं.

By Ashish Jha | September 16, 2023 6:09 AM

कैलाशपति मिश्र,पटना. बैंकों में पड़ी अनक्लेम्ड मनी का निबटारा करने के लिए खाताधारी या उनके नाॅमनी को खोजने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने 100 डेज 100 पेय कैंपेन शुरू किया है. इस अभियान का उद्देश्य 100 दिनों की अवधि के भीतर सभी जिलों के प्रत्येक बैंक में शीर्ष 100 लावारिस जमा राशि (अनक्लेम्ड मनी) का पता लगाना और उसका निबटारा करना है. रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद बिहार में बैंकों ने 317 अनक्लेम्ड खाताधारी या उनके नॉमनी को खोज निकाला है और उन्हें करीब 10 करोड़ का भुगतान भी किये गये हैं. बिहार में वैसे अनक्लेम्ड खाताधारक जिनके खातों में बड़ी राशि पड़ी हुई है उसमें बिहार सरकार का नाम पहला है. राज्य सरकार के 47 बैंक खातों में करीब 32 करोड़ अनक्लेम्ड मनी के रूप में वर्षों से पड़ा हुआ है.

बिहार की स्थिति

बैंकों का नाम अनक्लेम्ड मनी करोड़ में खाताधारी जिन्हें बैंकों ने खोजा

  • एसबीआइ 201.81 257

  • पीएनबी 90.91 88

  • आइसीआइसीआइ 4.48 23

  • इंडस बैंक 0.52 01

  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र 0.11 01

सर्वाधिक राशि राज्य सरकार के 47 बैंक खाते में 32 करोड़

बिहार के बैंकों की शाखाओं में हजारों की संख्या में ऐसे खाते हैं,जिनमें पिछले दस सालों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है. इन बैंक खातों में करीब 300 करोड़ से अधिक अनक्लेंड मनी है. इसमें से बड़ी राशि 71 खातों में है ही करीब 42 करोड़ पड़ा हुआ है. दिलचस्प यह है कि इसमें राज्य सरकार के 47 बैंक खाते में करीब 32 करोड़ अनक्लेम मनी के रूप में सालों से पड़ा हुआ है.अगर देश की बात करें तो बैंकों में अनक्लेंड राशि 35 हजार करोड़ के करीब है. हालांकि रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अनक्लेम मनी वाले खाताधारक का पता खोजकर उन्हें या उनके नॉमनी को राशि वापस करने के लिये बैंकों से विशेष अभियान चलाने के लिये कहा है. इसके लिए रिजर्व बैंक ने उदगम योजना की शुरुआत किया है.

बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड मनी खोजने लिए वित्त विभाग ने जिलाधिकारियों को दिया निर्देश

राज्य सरकार के 47 बैंक खातों में करीब 32 करोड़ अनक्लेम्ड मनी के रूप में वर्षों से पड़ी हुई है. रिजर्व बैंक से मिली सूचना के बाद राज्य सरकार भी इसकी खोज में लग गयी है. वित्त विभाग ने बैंकों में पड़ी राज्य सरकार की अनक्लेम्ड मनी को खोजने के लिए सभी जिलाधिकारी का निर्देश जारी किया है.

अनक्लेम्ड अमाउंट क्या है?

रिजर्व बैंक के अनुसार डिपॉजिट अकाउंट के अमाउंट को अनक्लेम्ड या लावारिस तब माना जाता है जब उस पर 10 साल या उससे अधिक समय तक धन जमा करने या विड्रॉल करने की कोई गतिविधि नहीं हुई हो. अनक्लेम्ड डिपॉजिट अमाउंट की बढ़ती संख्या मुख्य रूप से जमाकर्ताओं द्वारा अपने चालू या बचत खातों को बंद करने में विफल रहने के कारण होती है. दरअसल, जब ग्राहक खातों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं या मेच्योरिटी एफडी को भुनाने की अपनी इच्छा के बारे में बैंकों को सूचित नहीं करते हैं या फिर जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है और नॉमिनी नहीं होता है, तो ऐसे में परिजन या कानूनी उत्तराधिकारी बैंकों से उस अमाउंट का दावा करने में विफल रहते हैं.

अनक्लेंड मनी ढूंढने के लिये रिजर्व बैंक का उदगम पोर्टल

भारतीय रिजर्व बैंक ने अनक्लेंड मनी ढूंढने के लिये उदगम पोर्टल (अनक्लेंड डिपोजिटस-गेटवे टॅ असेस इंफॉर्मेंशन) लॉन्च किया है. यह पोर्टल आम लोगों के लिए लॉन्च किया है, जहां एक ही जगह पर उन्हें कई बैंकों में जमा लावारिस राशि में अपनी राशि को ढूंढने में आसानी होगी. अनक्लेंड अमाउंट यानी लावरिस राशि को सही उत्तराधिकारियों तक पहुंचाने के लिए आरबीआई ने यह पोर्टल लॉन्च कर दिया है.इसका उद्देश्य अनक्लेंड राशि को उनके सही खाताधारक या उसके नॉमनी तक पहुंचा है.

अभी तक कौन-कौन से बैंक पोर्टल पर लिस्ट हुए

फिलहाल आरबीआई के उदगम पोर्टल पर सात बैंकों से अपनी लावारिस जमा राशि के बारे में उपभोक्ता जानकारी देख सकते हैं. अन्य बैंकों को 16 अक्टूबर 2023 तक पोर्टल पर जोड़ लिया जाएगा. जो बैंक फिलहाल पोर्टल पर लिस्टेड हैं उनमें एसबीआइ, पीएनबी,सीबीआइ,धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड,साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड,डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड और सिटी बैंक है.

क्या कहते हैं भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक

संजीव दयाल ने कहा कि पूरे देश समेत बिहार के हजारों बैंक खाते में करोड़ों की अनक्लेंड राशि पड़ी हई है. जिसमें बिहार सरकार के 47 बैंक खाते में 32 करोड़ पड़ा हुआ है. रिजर्व बैंक ऐसे खाताधरक को खोजकर उनकी राशि उन्हें या उनके नॉमनी को देने का निर्देश बैंकों को दिया है.

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