छठ पर्व पर पटना के वंशी घाट, काली घाट व पटना लॉ कॉलेज घाट पर व्रतियों को काफी जगह मिलेगी. सीढ़ियों से आगे लगभग 30 मीटर आगे से गंगा बह रही है. छठ तक इसकी दूरी और बढ़ सकती है. इससे नदी किनारे के हिस्से में पर्याप्त जगह मिलने से व्रतियों को सुविधा होगी. इन घाटों पर 60 से 70 हजार व्रती पहुंच सकते हैं. पिछले साल इन घाटों की सीढ़ियों के पास से गंगा बहती थी. इस बार जल स्तर कम होने से पानी का बहाव आगे से हो रहा है. सीढ़ियों के पास पानी होने पर व्रतियों को दौरा से लेकर अन्य पूजन सामग्री सीढ़ियों पर रखना पड़ता था. इस वजह से कम जगह होने से व्रतियों को परेशानी हुई थी.
इस साल ऐसी समस्या नहीं होगी. इन घाटों पर किनारे के हिस्से में मिट्टी को समतल किया जा रहा है. दलदल वाली जगहों पर बालू डाल कर उसे तैयार किया जायेगा. इसके मद्देनजर मुख्य सड़क से घाट तक जाने वाले रास्ते को दुरुस्त किया जा रहा है. घाट पर लाइट और टेंट लगाने का काम चल रहा है. इन घाटों पर छठ व्रती को पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. इन घाटों पर पर्याप्त जगह होने से पार्किंग की व्यवस्था घाट किनारे की जायेगी.
पार्किंग की सुविधा : पटना कॉलेज घाट के समीप मैदान होने से वहां पर पार्किंग की सुविधा मिलेगी. वाहन से आनेवाले छठव्रती मैदान में वाहन पार्किंग कर वंशी घाट, काली घाट व पटना लॉ कॉलेज घाट पर पहुंच सकते हैं. लोगों को अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. तीनों घाटों के बीच की दूरी लगभग 150 से 300 मीटर के बीच है. काली घाट व वंशी घाट पर जाने के लिए इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के बगल से रास्ता है. इन घाटों पर खजांची रोड, मखनियां कुआं, गोविंद मित्रा रोड, नाला रोड सहित आसपास के इलाके के लोगों को सुविधा होगी.
अंटा घाट : छठ व्रतियों के लिए अंटा घाट बेहद आरामदायक होगा. यहां जमीन समतल व 10 फुट तक सिर्फ आधा मीटर पानी पानी है. उससे आगे बढ़ने पर जल स्तर बढ़ने लगता है. यहां पहुंचने के लिए एक किमी की दूरी तय करनी होगी. गंगा पथ होते हुए पहुंच सकेंगे. यहां की लंबाई करीब 200 मीटर व चौड़ाई 40 मीटर होगी.
कलेक्ट्रेट घाट : जेपी गंगा पथ के नीचे अंडरपास होते हुए लोग यहां पहुंच सकेंगे. कारगिल चौक से घाट की दूरी करीब दो किमी है. गांधी मैदान मुख्य मार्ग से होते हुए बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के रास्ते भी अंटा घाट पहुंचा जा सकता है. घाट की लंबाई 100 मीटर व चौड़ाई 40 मीटर होगी. यहां भी 10 फुट तक सिर्फ आधा मीटर पानी है. हालांकि, छठ के दौरान पांच फुट पर बबैरिकेडिंग की जायेगी.
महेंद्रू घाट : महेंद्रू घाट पर दलदल से लोगों को परेशानी हो सकती है. घाट के बाहर भी कीचड़ है. घाट से पांच फुट तक ही पानी के अंदर जाने की अनुमति होगी. यहां अधिक जगह होने पर छठ व्रतियों को सहूलियत होगी. यहां कलेक्ट्रेट घाट होते हुए लोग पहुंच सकेंगे. इसके अलावा घाट के सामने 40 फुट नया रास्ता बनेगा. इससे केवल पैदल वाले घाट पर पहुंच सकेंगे. मुख्य मार्ग से घाट की दूरी करीब दो किमी है.
बांस घाट : सिद्धेश्वरी काली माता मंदिर के आगे जेपी गंगा पथ के नीचे अंडरपास होते हुए बांस घाट पहुंच सकते हैं. साथ ही एलसीटी घाट से सटे रास्ते होकर भी पहुंच सकेंगे. मुख्य मार्ग से दूरी करीब दो किमी है. घाट करीब 250 मीटर में फैला है, लेकिन कटाव के कारण 100 मीटर लंबाई व 30 मीटर चौड़ाई में घाट को तैयार किया जा रहा है. जमीन लगातार धंसने से पानी में झाग भी बन रहा है. जल स्तर ज्यादा होने से पानी में उतरने पर रोक रहेगी.
पटना के 30 चौक चौराहों पर लगेगा हाइमास्ट लाइट
दीपावली व छठ से पहले पटना के 30 चौक-चौराहे पर हाइमास्ट लाइट लगा दी जायेगी. पटना नगर निगम द्वारा सर्वे कर इसके लिए फर्स्ट फेज में कुल 30 प्रमुख जगहों को चिह्नित किया गया है. इनमें तारामंडल, कारगिल चौक, राजापुर पुल, सहदेव महतो मार्ग, एलसीटी घाट, बांस घाट, दीघा पाटीपुल घाट, पाटलिपुत्र गोलंबर, पटना वीमेंस कॉलेज, बीकानेर स्वीट्स ( सहदेव महतो मार्ग), सरदार पटेल गोलंबर गेट नंबर 4, दीघा सब्जी मार्केट, मैकडॉवेल गोलंबर, दिनकर गोलंबर सहित कई अन्य स्थान शामिल हैं. हाइमास्ट लाइट लगाने के लिए 16 जगह पर फाउंडेशन का काम भी पूरा भी किया जा चुका है. इसके साथ ही 25 टीमों द्वारा शहर के वार्डों में नयी स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य भी चल रहा है. वरीय अधिकारियों द्वारा हर दिन इसकी रिपोर्ट भी ली जा रही है.
छठ से पहले खुले व टूटे ढक्कनों की जगह लगेंगे उच्च गुणवत्ता के मैनहोल ढक्कन
पटना नगर निगम क्षेत्र में छठ महापर्व से पूर्व खुले मैनहोल और टूटे ढक्कन बदलने का काम शुरू कर दिया गया है. छठ पर्व से पूर्व सभी वार्डों में खुले एवं टूटे ढक्कनों की जगह उच्च गुणवत्ता के मैनहोल ढक्कन लगेंगे. सभी अंचलों में प्रतिदिन लगभग 200 मैनहोल के ढक्कन तैयार किये जा रहे हैं. इन्हें वार्डों में ऐसे स्थलों पर लगाया जायेगा, जहां मैनहोल के ढक्कन टूटे हैं. यह दूसरी बार है, जब मैनहोल के ढक्कन को एक जगह तैयार करवाया जा रहा है, ताकि इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके. इसके पहले इसके लिए सभी 75 वार्डों में मैनहोल की स्थिति का अभियंताओं द्वारा पैदल घूम-घूम कर सर्वे किया गया है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ढक्कन लगाये जायेंगे.
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