कृष्ण कुमार, पटना. बिहार में अगुवानी घाट पुल का हिस्सा गिरने के बाद सभी पुलों की ऑडिट करने का निर्देश दिया गया है, इसी तर्ज पर अब 50 साल पुरानी बराज की भी स्ट्रक्चरल और मैकेनिकल ऑडिट होगी. यह निर्देश जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने बुधवार को वाल्मीकिनगर बराज का निरीक्षण करने के बाद दिया है. साथ ही उन्होंने बरात से पानी छोड़ने के सिस्टम पर भी पुनर्विचार का निर्देश दिया
इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार के सभी बराज और डैम की संरचना, गुणवत्ता, तकनीक की ऑडिट होगी. इस दौरान यदि कोई समस्या होती है, तो उसे दूर किया जायेगा. मंत्री ने कहा कि पुल की उम्र 50 वर्ष होती है, जबकि बिहार के सभी बराज छह दशक पुराने हैं. वाल्मीकिनगर बराज की आयु 65 वर्ष हो चुकी है. वाल्मीकिनगर बराज का निर्माण 1967-68 में किया गया था. इसकी लंबाई 739 मीटर है. इसका आधा हिस्सा नेपाल में है. इसमें 52 गेट, 18 रियल वे, 12 अंडर स्लूइस, 8 रिवर स्लूइस व 18 हेड रेगुलेटर गेट हैं.
जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने नेपाल के नवल परासी स्थित खोला नाले का निरीक्षण किया. इस दौरान वेसमेंट की सफाई की जांच की और मुहानी को ठीक तरफ से सफाई का निर्देश दिया. गौरतलब है कि मदार पहाड़ से निकल करके खोला नाला रायपुरवा खोला में मिलता है. खोला नाले में सात मुहानी है, जो अंग्रेजी के यूके आकार का है. इस मुहानी में मिट्टी भर गयी है. इससे पहाड़ से पानी नाले तक आने में परेशानी होती है, जिसके निरीक्षण के बाद नाले की सफाई का निर्देश दिया गया.
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पश्चिम चंपारण के बगहा में पारसनगर, आनंदनगर व शास्त्रीनगर गांव के 50 मीटर दूर पर गंडक स्थित है. मंत्री के निरीक्षण के दौरान भी नदी के किनारे कटाव जारी था. इसको रोकने के लिए बालू के बोल्डर को लगाया गया है. इसके साथ ही एक टीम लगातार मॉनीटरिंग कर रही है.