भागलपुर: भारत सरकार के रेशम बोर्ड कार्यालय का महत्वपूर्ण हिस्से को स्थानांतरित कर दिया गया. कर्मचारियों से लेकर सामान का स्थानांतरण झारखंड के मधुपुर कर दिया गया. इससे जहां कोकून तैयार करने वाले किसानों की मुसीबत बढ़नी तय है. सूचना मिलने के बाद केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान केंद्रीय रेशम बोर्ड के कर्मचारियों, पदाधिकारियों व किसानों में मायूसी छा गई.
भारत सरकार-वस्त्र मंत्रालय अंतर्गत केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान केंद्रीय रेशम बोर्ड कार्यालय भागलपुर जीरोमाइल अंडी फॉर्म में स्थित है. इसका मुख्य भाग बुनियादी बीज प्रगुणन व प्रशिक्षण केंद्र का स्थानांतरण होने के बाद रेशम तकनीकी सेवा केंद्र केवल यहां रह जायेगा.
बुनियादी बीज प्रगुणन व प्रशिक्षण केंद्र में सिल्क बीज का उत्पादन होता है. बिहार व झारखंड के 2000 से अधिक किसान सिल्क का बीज तैयार करते हैं. मधुपुर स्थानांतरित होने के बाद यमुना पंडित ने बताया कि उनकी उम्र इतनी नहीं रही कि दूसरे प्रदेश में जाकर रहें. बुनियादी बीज प्रगुणन व प्रशिक्षण केंद्र का स्थानांतरण होने के बाद यहां के किसानों व बुनकरों को झारखंड, असम, छत्तीसगढ़ व ओड़िशा तक चक्कर लगाना पड़ सकता है. यहां के किसानों व बुनकरों को बड़ी क्षति पहुंचेगी. साथ ही रेशम नगरी कहलाने वाला भागलपुर भी इसका दंश झेलेगा. भागलपुरी रेशम को जीआइ टैग भी मिल चुका है.