पटना. प्राइवेट स्कूल एक साथ तीन माह की फीस लेने के लिये अभिभावकों को बाध्य नहीं कर सकते हैं. फिलहाल उन्हें एक ही माह का ट्यूशन फीस लेना होगा. इसके साथ ही अन्य मदों में लिये जाने वाले खर्च को भी किस्त में अभिभावकों से लेंगे. यह निर्देश शुक्रवार को जिलाधिकारी ने जारी कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने इन नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूल प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करने का निर्देश दिया है. जिलाधिकारी ने इसकी मॉनीटरिंग करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को दिया है. जिलाधिकारी ने कहा कि फीस को लेकर किसी भी प्रकार से अभिभावकों को परेशान नहीं करना है.
ये भी दिये निर्देश
01- छात्रों के हित में स्टडी मटेरियल वीडियो-पीपीटी के रूप में अभिभावक या छात्रों को वाट्सएप, इमेल या स्कूल वेबसाइट से उपलब्ध कराया जाए.
02- किताब का होम टू होम डिलिवरी कराने की व्यवस्था की जाए. इसके लिये आवश्यक वाहन पास के लिये संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी से संपर्क स्थापित किया जा सकता है.
03- वर्तमान परिस्थिति में यदि कोई अभिभावक ट्यूशन फीस भी जमा करने में असमर्थ है, तो उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए और छात्र का नामांकन भी समाप्त नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही ऐसे छात्रों को भी स्टडी मैटेरियल अन्य छात्रों की भांति उपलब्ध कराया जाये.
04- विद्यालय प्रबंधन इस अवधि में कर्मियों का ऑनलाइन भुगतान नियमित रूप से करने की व्यवस्था भी करें.
कर्मियों का वेतन या मजदूरी काटी, तो होगी कानूनी कार्रवाई
जिलाधिकारी कुमार रवि ने उद्योगों, दुकानों व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मियों को लॉकडाउन की अवधि में मालिक द्वारा बिना कोई बिना कोई कटौती के ही सही समय पर वेतन व मजदूरी का भुगतान करने का निर्देश दिया है. अगर किसी स्ंस्थान प्रशासन ने जबरन कटौती की और उनके खिलफ कर्मियों ने शिकायत कर दी तो फिर कानूनी कार्रवाई तय है. इसके साथ ही संस्थान का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है. इसके साथ ही जो कर्मी किराये का कमरा लेकर रह रहे हैं, उनसे एक माह की अवधि का किराया लेने का दबाव नहीं बनाने का भी निर्देश दिया है. आपसी सहमति से उस माह का किराया मकान मालिक बाद में भी ले सकते है.