भागलपुर बीएयू को दी गयी बिहार में दलहन उत्पादन बढ़ाने की जिम्मेदारी, पूसा में तेलहन उत्पादन पर बनेगा डीपीआर

Agriculture: बिहार में दलहनी फसलों के उत्पादन बढ़ाने की जिम्मेदारी बीएयू सबौर को दी गयी. डॉ राय ने डीपीआर बनाने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला.

By Radheshyam Kushwaha | January 22, 2023 1:37 PM

भागलपुर. (Agriculture) भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नयी दिल्ली के पूर्व महानिदेशक डॉ. मंगला राय की अध्यक्षता में बिहार का चौथा कृषि रोडमैप का डीपीआर बनाने के लिए बैठक हुई. बैठक में बीएयू सबौर, पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना व डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति सहित वैज्ञानिकों ने भाग लिया. डीपीआर में बिहार में दलहनी फसलों के उत्पादन बढ़ाने की जिम्मेदारी बीएयू सबौर को दी गयी. डॉ राय ने डीपीआर बनाने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने सुझाव दिया कि डीपीआर में शॉट टर्म एनालिसिस व लॉग टर्म पर्सपेक्टिव को निश्चित रूप से शामिल करें. ताकि डीपीआर के कार्यान्वयन में कोई कमी न रहे.

बिहार के चौथे कृषि रोड मैप में दलहन उत्पादन बढ़ाने की जिम्मेदारी

डॉ. मंगला राय ने विश्वविद्यालय में एक क्रिटिकल साइंटिफिक समूह को विकसित करने कहा. वहीं डीपीआर व एमएससी के शोध छात्रों के लिए क्रमशः 10 व पांच हजार रुपये के टॉप-अप का लाभ देने की बात कही. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि डीपीआर बनाने के लिए अलग-अलग समिति बनेगी. विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष स्वयं डॉ. राय रहेंगे और सभी कुलपति उनके सदस्य होंगे. जो छह-छह माह पर कार्यों की समीक्षा करेंगे. दूसरी समिति के अध्यक्ष कुलपति रहेंगे, वह नोडल पदाधिकारी रहेंगे, शेष कुलपति अधिष्ठाता एवं विशेषज्ञ वैज्ञानिक सदस्य होंगे. यह समिति फसल का चुनाव कर सबों के लिए जवाबदेही तय करेंगे.

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पूसा में तेलहन उत्पादन पर डीपीआर बनेगा

इस बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि तेलहन फसलों व मिलेट्स का लीड केंद्रीय बिहार कृषि विश्वविद्यालय पूसा लेगा. जबकि दलहनी फसलों का लीड बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर लेगा. हर फसल से जुड़े अलग-अलग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक मिल-जुलकर कार्य करेंगे और डीपीआर भी तैयार करेंगे. बैठक में बीएयू सबौर के प्रसार निदेशालय ने डीपीआर का प्रजेंटेशन दिया. अगाली बैठक दिनांक 27, 28 व 29 जनवरी को होगी. इसके बाद बीएयू सबौर के कुलपति डॉ दुनिया राम सिंह ने डीपीआर तैयार करने के लिए बीएयू के निदेशक अनुसंधान के साथ बैठक कर अलग-अलग फसलों के समन्वयक व समूह को सशक्त करने का सुझाव दिया.

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