इजरायल अंसारी, बगहा. हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है बउकी माई. इसमें दुर्गा पूजा समिति पारस नगर, आनंद नगर, गांधीनगर, शास्त्री नगर आदि शामिल हैं. जहां हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग दुर्गा पूजा व मोहर्रम साथ-साथ मिल जुलकर मनाते हैं और एक दूसरे में सहभागी बन एक मिसाल कायम करते हैं. बउकी माई स्थान पर मां का पिंडी होने के साथ ही यहां के लोग पूजा अर्चना करते हैंं. बगल में मोहर्रम पर ताजिया के दौरान इमामबाड़ा पर ताजिया रख सौहार्द पूर्वक पर्व मनाते हैं.
1974 में हुई थी बउकी माई दुर्गा पूजा समिति की स्थापना
श्री दुर्गा पूजा समिति के प्रथम अध्यक्ष स्व. जानकी प्रसाद कुशवाहा ने 1974 में श्री बउकी माई दुर्गा पूजा समिति की स्थापना की थी. बउकी माई की पिंडी, शंकर भगवान का मंदिर, उसके बगल में सामुदायिक भवन और मुसलमान ताजिया इमामबाड़ा तथा उसके बगल में प्राथमिक विद्यालय पारस नगर अवस्थित है. इस स्थल पर दोनों समुदाय के लोग मिल व्यवहार कर पूजा पाठ करते हैं.
पारस नगर स्थित है बउकी की माई की पिंडी
बड़े-बुजुर्ग लोगों का कहना है कि गांव में बहुत पहले आपदा आयी थी. तरह-तरह की बीमारी से लोग परेशान थे. एक दिन किसी बुजुर्ग को बउकी की माई ने सपना दिखाया कि इस गांव में मेरा अगर पिंडी लग जाय, तो सारे दुख दूर हो जायेगा. इस सपने को लेकर सभी समुदाय, जाति के लोगों ने मिलकर बउकी की माई का पिंडी व उसके बगल में इमामबाड़ा की स्थापना की. बउकी की माई की स्थापना के बाद विभिन्न घटनाओं पर विराम लग गयी. जो भीबउकी माई से दिल से मन्नत मांगते हैं उनकी मन्नत पूरी होती है. यहां बहुत दूर-दूर से लोग अपनी मन्नत को लेकर पूजा पाठ करने आते हैं.
बउकी की माई दुर्गा पूजा समिति
वही वर्तमान दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि प्रतिवर्ष हम लोग सभी जाति समुदाय के लोग मिलकर मां का मूर्ति रख पूजा करते हैं और बगल की इमामबाड़ा में ताजिया भी रखते हैं. इस दुर्गा पूजा समिति में आठ वार्ड के लोग शामिल है. जिसमें इस्माइल अंसारी, वीरेंद्र प्रसाद यादव, नागेंद्र साहनी, रामअवध साहनी, सिंहासन राम, विंध्याचल राम, गंगा महतो, जवाहर महतो, सुग्रीव साहनी, रमाकांत साहनी, चंदेश्वर साहनी, रामेश्वर साहनी, शिवनारायण राय, सरल चौधरी, अनिरुद्ध साहनी, मुकेश कुमार, छोटेलाल महतो, राकेश कुमार, नंदलाल ठाकुर, मराच्छ साहनी आदि शामिल हैं.