BBOSE के IT हेड गिरफ्तार, दस्तावेज में हेरफेर कर फेल छात्रों को इस तरह से बना देता था टॉपर
Bihar News: दस्तावेज में हेराफेर कर फेल छात्रों को अच्छे नंबरों से पास कराने वाले बी-बाेस के आइटी हेड को आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी IT हेड प्रति छात्र 11 हजार लेकर अंक पत्र आदि दस्तावेज में हेराफेर कर फेल छात्रों को अच्छे नंबरों से पास करा देता था.
पटना: आर्थिक अपराध इकाई ने प्रति छात्र 11 हजार रुपये लेकर अंक पत्र आदि दस्तावेज में हेराफेर कर फेल छात्रों को अच्छे नंबरों से पास कराने वाले बिहार स्कूल आफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन (बी-बाेस ) के आइटी हेड अभय कुमार , सहायक बबलू कुमार तथा कंप्यूटर आपरेटर तरुण कुमार सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया.
बीते दिनों गिरोह का हुआ था पर्दाफाश
आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने तीन दिसंबर को बी-बाेस की सांठ-गांठ से पास कराकर मेडिकल- इंजीनियरिंग आदि विभिन्न कोर्स -पाठ्यक्रम में नामांकित कराने वाले गिरोह के सरगना एवं एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक फहीम अहमद को बोरिंग रोड से गिरफ्तार किया था.
उससे मिली जानकारी के आधार पर सहायक बबलू कुमार नीम की भट्टी गुलजार बाग, तरुण कुमार सगुना मोड के समीप बालाजी अपार्टमेंट कालीकेत नगर जजेज कालाेनी से पकड़ा है. मुजफ्फरपुर के रहने वाले बी-बोस के आइटी हेड अभय कुमार को विजय नगर थाना पत्रकार नगर में रह रहे हैं. यह उनका अस्थायी पता है. इनके अलावा गिरोह के एक अन्य सदस्य राजू गिरि पुत्र स्वर्गीय अवध किशोर निवासी अदलीपुर नेऊरा थाना बिहटा से गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इओयू ने इस मामले में सभी नामजद अभियुक्तों को जेल भेज दिया है.
फेल छात्र-छात्राओं को इस तरह से कराया जाता था पास
गौरतलब है कि इओयू ने बोरिंग रोड स्थित एडमिशन प्रोवाइडर पर छापा मारकर उसके मालिक फहीम अहमद को गिरफ्तार किया था. एडमिशन के लिए कम अंक या 12वीं में फेल छात्र आता तो फहीम अहमद अपने सहयोगी अमन कुमार की मदद से बी- बोस में उसका नामांकन कराकर रजिस्ट्रेशन विभिन्न स्टडी सेंटर के माध्यम से करवा देता. 22 हजार रुपया लेकर स्कालर को परीक्षा में बैठा देता.
इस तरफ फेल छात्र अच्छे नंबरों से 12 वीं पास करा देता. यदि कोई छात्र खुद परीक्षा में सम्मिलित होता लेकिन उसके नंबर कम आते तो 18,000 रुपया लेकर उसके अंक अच्छे कराये जाते थे. फहीम अहमद छात्र का अंक प्रमाण पत्र बी बोस से निकलवाता था. अंक पत्र पर चिपका हुआ हॉलोग्राम काट लेता. होलोग्राम कटे हुए अंक प्रमाण पत्र पर पेंसिल से बढ़ाकर अंक अंकित कर देता. इसके अलावा अंक प्रमाण पत्र पर यह और भी कोई सुधार करना होता है तो वह भी पेंसिल से अंकित कर देता.