पिछले दो दिनों से लापता औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड के बीडीओ मो. युनूस सलीम वापस अपने सरकारी आवास लौट गये हैं. बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात करीब एक बजे बीडीओ ने अपने पर्सनल चालक धर्मेंद्र कुमार को फोन कर अनुग्रह नारायण स्टेशन बुलाया और फिर स्टेशन से चालक और ब्लॉक के एक कर्मचारी के साथ अपने सरकारी आवास लौट गये. जानकारी मिली कि इस दौरान बीडीओ काफी अस्वस्थ दिख रहे थे. शायद उनकी तबीयत खराब थी और गले से आवाज भी नहीं निकल रही थी.
बीडीओ ने दो दिनों से खाना भी नहीं खाया था
सूत्रों से पता चला कि बीडीओ ने दो दिनों से खाना भी नहीं खाया था. अपने कार्यालय के चपरासी से खाना मंगाया और फिर उसे खाया. चालक द्वारा ही बीडीओ को वापस लौटने की सूचना उनके परिजनों को दी गयी. इसके बाद उनके भाई नासरीगंज बीडीओ जफर इमाम परिजनों के साथ ब्लॉक पहुंचे और फिर पूरे परिवार के साथ नासरीगंज चले गये. हालांकि, जानकारी मिली है कि पुलिस के पदाधिकारियों द्वारा उनसे पूछताछ भी की गयी है.
आवास पर लटका था ताला
जब मीडिया कर्मी शुक्रवार की सुबह बीडीओ के ओबरा स्थित आवास पर पहुंचे, तो वहां सन्नाटा पसरा था और आवास बंद था. बीडीओ किस स्थिति में और क्यों सरकारी आवास से परिजनों के साथ चले गये यह स्पष्ट नहीं हो सका है और न ही किसी तरह का उन्होंने बयान दिया है. दो दिनों तक कहां रहे, किस स्थिति में रहे, गायब क्यों हुए यह पहेली बनी हुई है. पुलिस के अधिकारी भी गोलमटोल जवाब दे रहे हैं. ओबरा थानाध्यक्ष सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि बीडीओ के वापस लौटने की सूचना प्राप्त हुई है. उनसे संपर्क किया जा रहा है.
भाई ने कहा- डिप्रेशन के शिकार थे बीडीओ
बीडीओ के भाई व नासरीगंज बीडीओ जफर इमाम ने बताया कि उनके भाई डिप्रेशन के शिकार थे, जिसके कारण इस स्थिति का सामना करना पड़ा. इधर, पुलिस के अधिकारियों ने मीडिया को बयान जारी कर कहा है कि ओबरा बीडीओ युनूस सलीम कहीं चले गये थे. जानकारी प्राप्त होने के बाद केस दर्ज किया गया. रेलवे स्टेशनों पर जांच की गयी. अंतिम लोकेशन नासरीगंज में पाया गया. ओबरा बीडीओ स्वयं घर वापस लौट गये. उनसे पूछताछ के उपरांत आगे की कार्रवाई होगी.
बुधवार की सुबह गायब हुए थे बीडीओ
चार सितंबर यानी बुधवार की सुबह ओबरा बीडीओ मो युनूस सलीम अचानक गायब हो गये. कई घंटों बाद जब पुलिस में मामला दर्ज हुआ और उनकी खोजबीन शुरू हुई तब धीरे-धीरे गायब होने का मामला खुलता गया. एसबीआइ से 25 हजार रुपये की निकासी बीडीओ द्वारा किये जाने के बाद स्पष्ट हो गया था कि उनका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि तनाव में वे निकल गये. कभी अनुग्रह नारायण स्टेशन, कभी सासाराम तो कभी नासरीगंज का लोकेशन मिलता गया. पुलिस उनके पीछे पड़ी थी. अंतत: वे आवास लौट गये.
किस तनाव में थे बीडीओ
अब ऐसे में सवाल उठता है कि बीडीओ किस तनाव में थे. सरकारी काम का तनाव था या पारिवारिक. बीडीओ के भाई ने डिप्रेशन का हवाला दिया. ऐसे में एक जिम्मेदार पदाधिकारी से लोग जानना भी चाहते हैं कि कौन सा डिप्रेशन उन्हें इस स्थिति में लाकर छोड़ दिया.
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ओबरा बीडीओ को स्वयं वापस लौटने और कुछ ही क्षण बाद परिवार के साथ किसी जगह पर जाने का मामला चर्चा में है. पता चला कि वे अपने भाई व नासरीगंज के बीडीओ के घर चले गये. शायद उन्हें सवालों का जवाब देना पड़ता. वैसे चारों तरफ पुलिस बरामदगी की चर्चा हो रही है.चर्चाओं में कहा जा रहा है कि ओबरा थाना की पुलिस ने रोहतास के नासरीगंज से रात में ही उन्हें बरामद किया. हालांकि, पुलिस के पदाधिकारी इस बात से इन्कार कर रहे हैं. बड़ी बात यह है कि ऊब गांव में डीएम का संवाद कार्यक्रम भी इस घटना के बाद स्थगित कर दिया गया था.
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