सुबोध कुमार नंदन, पटना. इन दिनों लगभग हर मोबाइलधारक को लोन मंजूर होने के मैसेज आते रहते हैं. लोन लेने के लिए क्रेडिट हिस्ट्री की भी जरूरत नहीं होती. ऐसे एप्स लोगों को मिनटों में लोन देने के बहाने अपने चक्कर में फंसा लेते हैं और ऊंची ब्याज दरों पर लोन देते हैं.
लोन लेने वालों को 30 से 35% तक ब्याज चुकाना होता है. अगर आपके पास इंस्टेंट लोन देने वाली कंपनी का फोन आये, तो सावधान हो जाएं. ये एप्स प्रोसेसिंग के नाम पर मोटी फीस वसूलते हैं.
बड़ी संख्या में लोगों ने आर्थिक तंगी के चलते लॉकडाउन के दौरान लोन लिया था. लेकिन, जब सात दिनों के अंदर लोन नहीं चुका पाये, तो उनके पास धमकी भरे मोबाइल कॉल आने लगे.
साथ ही जबरन वसूली भी की गयी. एप्स के जरिये लोन देने वाले हर महीने लगभग 100 से 200 लोगों को अपनी जाल में फंसा लेते हैं और लाखों रुपये ब्याज के नाम पर वसूलते हैं.
स्टेट बैंक ने ग्राहकों को ऐसे एप्स के प्रति सावधान किया है. बैंक ने ट्वीट करके ग्राहकों को कहा है कि इस तरह के किसी भी एप के फेर में न पड़ें. इससे आपको भारी नुकसान हो सकता है. स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंधक वंशीधर प्रसाद ने बताया कि किसी भी अनजान और अनऑथोराइज्ड लिंक पर क्लिक न करें.
बिहार के ही एक युवक ने कोरोना काल के दौरान इसी तरह के एप्स से 3500 रुपये लोन लिया था. समय से वह लोन नहीं भर पाया, तो कंपनी वालों ने उससे छह लाख रुपये वसूल लिये. इसकी शिकायत पीड़ित युवक ने आर्थिक अपराध इकाई से की थी.
गूगल ने भारत में सैकड़ों की संख्या में पर्सनल लोन एप्स का समीक्षा करने के बाद इनमें से कई को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया है. ये सभी एप्स गैरकानूनी भी थे, क्योंकि इन्हें सरकार की ओर से कोई मंजूरी नहीं मिली थी.
एप्स का इस्तेमाल करने वाले और सरकारी एजेंसियों ने इन एप्स को लेकर चिंता जतायी थी. गूगल ने गुरुवार को कहा कि, जो एप उपयोक्ता सुरक्षा नीतियों का उल्लंघन कर रहे थे, उन्हें तत्काल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है.
गूगल ने शेष एप्स के डेवलपर्स से कहा है कि वे यह दर्शाएं कि किस तरीके से स्थानीय कानूनों और नियमनों का पालन कर रहे हैं. अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके भी एप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया जायेगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि एप के बदले लोगों को बैंकों की अधिकृत साइट पर जाकर या बैंक की शाखा में जाकर लोन के लिए आवेदन करना चाहिए.
कई फाइनेंस कंपनियां नये-नये एप्स के जरिये लोगों को कॉल कर लोन स्वीकृत होने की सूचना देती हैं और प्रोसेसिंग के नाम पर हजारों रुपये ऐंठती हैं.
Posted by Ashish Jha
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