भागलपुर: बरारी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने आये लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रिवर फ्रंट डेलवेपमेंट योजना के तहत श्मशान घाट से लेकर पुल घाट के आगे तक काम होना है. वहीं श्मशान घाट के कुछ भाग की टीन के चदरे से पुल घाट तक घेराबंदी की गयी है. घेराबंदी होने के कारण जगह कम हो गयी है. इससे अगर अधिक शव जलाने के लिए आ गया तो लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. घाट की स्थिति भी ठीक नहीं है. जगह भी उबड़-खाबड़ हो गया है.
घाट किनारे शव जलाने के लिए व्यवस्थित प्लेटफॉर्म तक की व्यवस्था नहीं है, जिस पर लकड़ी से शव को जलाया जा सके. बारिश, तेज धूप, आंधी, ठंड में लोगोंं को शव को जलाने में काफी परेशानी होती है. अगर तेज हवा या बारिश हो जाती है तो शव जलाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है. इस जगह पर पीने तक के पानी की व्यवस्था तक नहीं है. शव जलाने आये लोगों के बैठने के लिए एक शेड तक नहीं है.
घेराबंदी होने के कारण अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को स्नान करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. घेराबंदी होने के पहले श्मशान घाट से घाट किनारे आने में परेशानी नहीं होती थी. अब घेराबंदी होने के कारण पुल घाट स्नान करने के लिए घूम कर आना पड़ता है.
रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट योजना के तहत बरारी श्मशान घाट से लेकर पुल घाट के आगे तक सौंदर्यीकरण का काम होगा. बरारी श्मशान घाट में लगभग 12 प्लेटफाॅर्म का निर्माण होगा, जिसमें लकड़ी पर शवों का अंतिम संस्कार किया जायेगा. अभी श्मशान घाट के पास निगम द्वारा एक सीट वाला शवदाह में शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
अब स्मार्ट सिटी योजना के तहत दो सीट वाले शवदाह गृह का निर्माण होगा. इसमें एक साथ दो शव का अंतिम संस्कार होगा. लोगों को बैठने के लिए सीटिंग बेंच बनेंगे. वहीं पुल घाट के पास घाट के पास रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट का काम शुरू हो गया है.