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सरकारी अस्पताल में मरीज के परिजनों से धुलवाये जा रहे चादर, कंबल देने में हो रही आनाकानी

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक में मरीज के पहुंचते ही बेडों पर चादर व जाड़े के दिनों में कंबल की जरूरत होती है. सारी व्यवस्था करने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की भी तैनाती की गयी है.

गया. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक में मरीज के पहुंचते ही बेडों पर चादर व जाड़े के दिनों में कंबल की जरूरत होती है. सारी व्यवस्था करने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की भी तैनाती की गयी है.

लेकिन, मरीज के पहुंचने पर चादर के लिए परिजनों को ही नर्स ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है. काफी मशक्कत के बाद मुश्किल से चादर व कंबल मिल पाता है. हर दिन बेड पर चादर भी नहीं बदली जाती है.

टिकारी थाने के महमाना गांव के कपिल यादव पैर में हुए घाव के कारण करीब 15 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. मरीज के परिजन विनोद कुमार यादव ने बताया कि चार दिन पहले चादर गंदा होने के कारण यहां अस्पताल में काम करनेवाले कर्मचारी से दूसरी चादर देने की बात कही गयी, तो उसने साफ कहा कि पीछे नल पर जाकर चादर धो लें.

बार-बार चादर नहीं बदली जायेगी. इसके बाद उन्होंने खुद चादर धोकर वार्ड में लायी. नियमों के अनुसार, हर दिन रंग बदल कर चादर मरीज के बेड पर बिछाना है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि मरीज को साफ-सुथरा बेड रहने पर प्रसन्नता होती है और बीमारी में जल्द सुधार आता है.

अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, करीब एक वर्ष से बंद पड़ी धुलाई मशीन को अधीक्षक डॉ हरिशचंद्र हरि ने पहल कर ठीक कराया. इससे पहले यहां चादर धुलाई बाहर की एजेंसी से भी करायी गयी, ताकि मरीज को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.

गाइनो वार्ड को बना दिया धोबी घाट

मगध मेडिकल अस्पताल के गाइनो वार्ड में स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हर दिन अस्पताल में बैठकों को दौर चल रहा है. लेकिन, यहां पहुंचने से पहले धोबी घाट का दृश्य नजर आ जाता है.

वार्ड से निकाल कर एक माह पहले रखा गया टूटा फूटा बेड को अब तक गाइनो वार्ड के गेट से हटाया नहीं किया है. मरीज के परिजन इन्हीं बेडों पर कपड़ा धो कर पसार देते हैं और दृश्य धोबी घाट जैसा बन जाता है.

यह हर दिन की स्थिति रहती है. यहां से अस्पताल के पदाधिकारी व डॉक्टर सभी गुजर कर ही गाइनो वार्ड में जाते हैं. इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आयी.

धुलाई मशीन हो गयी चालू

उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने कहा कि चादर व कंबल धुलाई के लिए अस्पताल परिसर में बहुत दिनों से बंद पड़ी मशीन को ठीक करा लिया गया है. हर दिन यहां सैकड़ों कंबल व चादरों की धुलाई की जा रही है.

बेड पर हर दिन चादर गंदा होने पर हटा कर अलग रखने का काम वार्ड अटेंडेंट का है. नर्स को बेड पर साफ चादर लगवानी है. मरीज के परिजन को किसी भी हालत में सफाई करने को कहा जाना गलत है. इस मामले की जांच करायी जायेगी.

Posted by Ashish Jha

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