बेगूसराय व दरभंगा में लोगों को आयुर्वेद पर ज्यादा भरोसा, बिहार आयुष समिति के आंकड़े से हुआ खुलासा
राज्य आयुष समिति के 2022 के आंकड़े के अनुसार पटना में आयुर्वेदिक पद्धति से 67 हजार से अधिक पुरुषों ने, जबकि 62 हजार से अधिक महिलाओं ने अपना इलाज कराया.
पटना. आयुष चिकित्सा जिसमें आयुर्वेद, यूनानी और होमियोपैथ पद्धति से सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या अलग-अलग जिलों में भिन्न भिन्न है. बिहार आयुष समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार पटना में आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी तीनों पद्धति से मरीज इलाज करा रहे हैं. राज्य के अन्य जिलों को देखा जाये तो बेगूसराय और दरभंगा में आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराने वाले मरीज अधिक संख्या में है. इसी प्रकार से मुजफ्फरपुर सरकारी अस्पताल में होमियोपैथ पद्धति से इलाज करानेवाले मरीज सर्वाधिक है.
राज्य आयुष समिति के 2022 के आंकड़े के अनुसार पटना में आयुर्वेदिक पद्धति से 67 हजार से अधिक पुरुषों ने, जबकि 62 हजार से अधिक महिलाओं ने अपना इलाज कराया. पटना में यूनानी पद्धति से 42 हजार पुरुषों ने तो 43 हजार से अधिक महिलाओं ने इलाज कराया है. पटना के सरकारी अस्पतालों में होमियोपैथी विधि से 31 हजार से अधिक पुरुषों ने, तो 38 हजार से अधिक महिलाओं ने अपना इलाज कराया है. बेगूसराय के सरकारी अस्पताल में 53 हजार पुरुषों ने और 70 हजार महिलाओं ने आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराया है. दरभंगा में भी 27 हजार पुरुषों और 23 हजार महिलाओं ने आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराया है.
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होमियोपैथी के मामले में मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में 50 हजार पुरुषों ने , तो 56 हजार महिलाओं ने अपना इलाज कराया है.
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गोपालगंज जिला के सरकारी अस्पताल में होमियोपैथिक विधि से 13 हजार पुरुषों ने, तो 1100 महिलाओं ने अपना इलाज कराया है.
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भागलपुर और बक्सर के सरकारी अस्पताल में आयुर्वेदिक पद्धति से मरीजों ने इलाज करा रहे हैं.
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गया जिले के सरकारी अस्पतालों में सात हजार मरीजों ने होमियोपैथी विधि से इलाज कराया तो सात हजार यूनानी पद्धति से इलाज कराया है.
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खगड़िया जिले में आयुर्वेद और होमियोपैथी मरीजों की संख्या 10 हजार से अधिक थी.