प्रमुख कॉलेजों में शिक्षकों की है कमी
समस्या. विश्वविद्यालय को कई बार िशक्षकों की कमी की जानकारी दी गयी बेगूसराय : सरकार एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दवा करती है वहीं दूसरी तरफ कॉलेजों में संसाधन व कर्मियों की भारी कमी है. नतीजा है कि शिक्षा व्यवस्था पर ग्रहण लगा हुआ है. जिले के कॉलेजों में शिक्षकों का है अभाव : जिले […]
समस्या. विश्वविद्यालय को कई बार िशक्षकों की कमी की जानकारी दी गयी
बेगूसराय : सरकार एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दवा करती है वहीं दूसरी तरफ कॉलेजों में संसाधन व कर्मियों की भारी कमी है. नतीजा है कि शिक्षा व्यवस्था पर ग्रहण लगा हुआ है.
जिले के कॉलेजों में शिक्षकों का है अभाव : जिले में जहां एक ओर गिरती हुई शिक्षा व्यवस्था है वहीं महाविद्यालयों में शिक्षकों का घोर अभाव है .ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अंगीभूत गणेशदत्त महाविद्यालय में शिक्षकों का घोर आभाव है. इस बाबत गणेशदत्त महाविद्यालय के प्राचार्य अवधेश कुमार ने बताया कि इस महाविद्यालय में मात्र 25 शिक्षक हैं जबकि सृजित पद 105 हैं. उन्होंने बताया कि अर्थशास्त्र,गणित और भूगोल के शिक्षक नहीं हैं .
हालांकि 30 जून के बाद मनोविज्ञान के शिक्षक और 30 जुलाई के बाद जंतुविज्ञान के शिक्षक भी सेवानिवृत हो जायेंगे. प्राचार्य ने बताया कि शिक्षकों की कमी को बहुत हद तक अतिथि शिक्षक भी पूरा करने का भरसक प्रयास करते हैं. फिलहाल महाविद्यालय में दो भूगोल के और दो प्राचीन इतिहास के ऐसे शिक्षक सेवा दे रहे हैं.
विद्या दान कर शिक्षक कॉलेजों की गरिमा को रख रहे हैं बरकरार
विश्वविद्यालय नहीं कर रहा है पहल
शिक्षकों की कमी के संबंध में प्राचार्य ने बताया कि इस बात की सूचना विश्वविद्यालय को कई बार दी जा चुकी है. लेकिन फिलहाल इस कमी को दूर नहीं किया जा रहा है.नतीजा है कि प्रतिदिन कॉलेजों में पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
एसबीएसएएस कॉलेज में 43 स्वीकृत पदों में से कार्यरत हैं अभी मात्र आठ शिक्षक
एसबीएस एस महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ लक्ष्मण झा ने बताया की मेरे यहां प्राचार्य सहित कुल शिक्षकों के स्वीकृत पद 43 है जिसमें अभी वर्तमान समय में मात्र आठ शिक्षक ही काम कर रहे हैं .उन्होंने बताया कि मेरे यहां वाणिज्य के कोई शिक्षक नहीं हैं.विज्ञान में कुल तीन शिक्षक हैं जिसमें एक रसायन के शिक्षक नबंवर में सेवानिवृत हो जायेंगे .कला संकाय में प्राचार्य सहित मात्र पांच शिक्षक हैं. महाविद्यालय में छात्रों की संख्या है पंद्रह हजार है. ऐसे में कॉलेज महज परीक्षा व नामांकन केंद्र बन कर रह गया है.
शिक्षादान कर पढ़ाई करा रहे हैं शिक्षक
शिक्षकों के घोर अभाव का दंश झेल रहे महिला महाविद्यालय के द्वारा कई बार विश्वविद्यालय में लिखित आवेदन दिया गया लेकिन यह कमी ज्यों की त्यों बनी रह गयी. इसलिए मजबूर होकर प्राचार्य ने कुछ शिक्षाविद से संपर्क साधा और विद्यादान करने की अपील की.उनका यह प्रयास रंग लाया और रसायन,जंतु विज्ञान, भूगोल,मनोविज्ञान और पुस्तकालय विज्ञान में शिक्षक अपना विद्यादान कर महाविद्यालय को सहयोग कर रहे हैं.
एस के महिला कॉलेज में हैं मात्र सात शिक्षक
एस के महिला कॉलेज में भी शिक्षकों की कमी है. यहां भी शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है. कॉलेज की प्राचार्या स्वप्ना चौधरी ने बताया की मेरे महाविद्यालय में शिक्षकों के कुल सृजित पदों की संख्या 27 है जबकि अभी मेरे सहित मात्र सात शिक्षक हैं. दिसंबर में यह संख्या और घट जायेगी क्योंकि
दिसंबर में भौतिकी के एक शिक्षक सेवा निवृत हो जायेंगे .उन्होंने बताया कि मेरे महाविद्यालय में विज्ञान के कोई शिक्षक नहीं हैं.गणित के मात्र एक शिक्षक हैं.कला संकाय की बात करें तो इतिहास और गृहविज्ञान में सिर्फ एक- एक शिक्षक हैं जो किसी तरह सिर्फ काम चला रहे हैं.उसी तरह हिंदी और अंगरेजी में मात्र एक -एक शिक्षक हैं जो सिर्फ खानापूर्ति कर महाविद्यालय की गरिमा को कायम रख पा रहे हैं.
क्या है छात्र- छात्राओं की संख्या :
गणेशदत्त महाविद्यालय में लगभग से 2500 छात्र- छात्राएं हैं .अब इसी बात से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जिस महाविद्यालय में 2500 छात्रों की जिम्मेवारी मात्र 25 शिक्षकों के कंधे पर हो उस महाविद्यालय के छात्रों का भविष्य कैसा हो सकता है.