बीहट : सावन के तीसरी सोमवारी पर सिमरिया से हरिगिरिधाम गढ़पुरा तक कांवरिया पथ केसरियामय हो गया. मिनी देवघर के रूप में प्रसिद्ध गढ़पुरा के शिवमंदिर में जल चढ़ाने के लिए सिमरिया घाट पर स्नान और जल लेने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम रविवार को उमड़ पड़ा. मगर जिला प्रशासन की उपेक्षा के कारण सावन माह की तीसरी सोमवारी पर भी सिमरिया घाट पर श्रद्धालु मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते रहे .
श्रद्धालुओं को घाट पर पसरी गंदगी,मल-मूत्र से उठते दुर्गंध सहित अन्य बदइंतजामी के बीच ही गंगा में डूबकी लगाने के लिए विवश होना पडा. विदित हो कि पूरे सावन माह में सिमरिया घाट से ही कांवरिया व डाक बम जल भरकर हरिगिरिधाम गढ़पुरा के लिए रवाना होते हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मुख्य सीढ़ीघाट और रामघाट पर बैरिकेडिंग तथा अपर्याप्त रोशनी की व्यवस्था कर जिला प्रशासन ने मात्र औपचारिकता का निर्वहण किया है.
चिकित्सा केंद्र,पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था,सड़क की साफ-सफाई सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी जिला प्रशासन की अनदेखी की कहानी बयां कर रहा है.
सोमवारी को जलाभिषेक के लिए उमड़ी कांवरियों की भीड़ : साहेबपुरकमाल. सावन मास के तीसरी सोमवारी को सिमरी बख्तियारपुर बाबा मटेश्वर धाम मंदिर के शिविलंग पर गंगा जल का जलाभिषेक को लेकर रविवार को छर्रापट्टी राजघाट पर हजारों शिव भक्त कांविरयों का भीड़ उमड़ पड़ी. गेरुआ वस्त्र धारण किये घाट पर पहुंचे कांविरया उत्तरायणी गंगा छर्रापट्टी घाट पर पवित्र स्नान कर पूजा -अर्चना की. और गंगा जल भरकर बोल बम का नारा लगाते मल्हीपुर, शालीग्रामी, हीराटोल होते हुए पैदल बाबा मटेश्वर धाम की ओर रवाना हुए. बोल बम के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान होता रहा. डीजे की धुन और कीर्तन मंडली के साथ गाते बजाते कांवरियों का कारवां मनोरम दृश्य उत्पन्न कर रहा था. कांविरयों ने बताया कि हमलोग रविवार को यहां से गंगा जल लेकर लगतार पैदल चलते हैं और सोमवार को बाबा मटेश्वर धाम स्थित शिव मंदिर में जलाभिषे कर पूजा अर्चना करते हैं.
रविवार को सहरसा, खगडि़या,मधेपुरा आदि जिले से करीब 20 से 25 हजार शिवभक्त छर्रापट्टी घाट से रवाना हुए. बाबा मटेश्वर धाम जाने वाले कांविरयों के स्वागत और सेवा में स्थानीय लोगों ने मल्हीपुर चौक ,शालीग्रामी, रघुनाथपुर हीराटोल गांव के समीप स्टॉल लगा रखा था और कांविरयों के जरूरत की चीजें तुरंत मुहैया करायी जा रही थी.वहीं छर्रापट्टी घाट श्रावणी मेला समिति के सदस्य और पुलिस प्रशासन भी कांविरया सेवा में तत्पर रहे.