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स्कूल में कमरे व पीने के पानी की हो रही किल्लत

समस्या . हाल बाघा स्थित प्राथमिक विद्यालय का बेगूसराय : शिक्षा का संबंध सिर्फ नौकरी-पेशा से ही नहीं है.सामाजिक प्रतिष्ठा की दिशा में भी शिक्षा का बहुमूल्य योगदान है. शिक्षा के बगैर सामाजिक न्याय की बात भी अधूरी रह जाती है. सरकार के द्वारा इसके लिए बहुत सारी योजनाओं को चलाया जा रहा है. जिले […]

समस्या . हाल बाघा स्थित प्राथमिक विद्यालय का

बेगूसराय : शिक्षा का संबंध सिर्फ नौकरी-पेशा से ही नहीं है.सामाजिक प्रतिष्ठा की दिशा में भी शिक्षा का बहुमूल्य योगदान है. शिक्षा के बगैर सामाजिक न्याय की बात भी अधूरी रह जाती है. सरकार के द्वारा इसके लिए बहुत सारी योजनाओं को चलाया जा रहा है. जिले में किस तरह से शिक्षा दी जा रही है. प्रभात खबर के प्रतिनिधियों के द्वारा इस बात की जानकारी ली जा रही है. विद्यालय अपनी कहानी अपनी जुबानी सुना रहे हैं. शहर के बाघा स्थित प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित जाति बाघा कई तरह की बुनियादी सुविधाओं का रोना रो रही है.
विद्यालय में पीने के पानी को मचा रहता हाहाकार :विद्यालय में बच्चों के लिए पीने के पानी के लिए मात्र एक चापाकल की व्यवस्था है. जबकि विद्यालय में 272 बच्चे पढ़ते हैं. उक्त चापाकल भी अक्सर खराब हो जाता है. चापाकल खराब होने पर पानी के लिए बच्चों के बीच हाहाकार मच जाता है.पानी की व्यवस्था नहीं है.
विद्यालय में वर्गकक्ष का घोर अभाव :272 छात्रों के लिए मात्र दो शैक्षणिक कमरे व एक सडक के किनारे खुले हॉल नुमा बरामदा है. खुले में ही बच्चों की पढ़ाई संचालित हो रही है.जिससे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा में रूकावटें हो रही है. विद्यालय के प्राचीन दो कमरे जर्जरविद्यालय के दो कमरे एक दम से जर्जर हालत में है.परंतु उक्त कमरे में ही विद्यालय संचालित हो रहा है.
बच्चों के लिए बेंच-डेस्क की व्यवस्था नहीं :छोटे-छोटे बच्चे सहित पांचवी कक्षा के छात्र भी जमीन पर ही बैठकर पढते है.जिससे बच्चों को कई तरह की कठिनाईयां हो रही है.
झेल रहा है शिक्षकों का अभाव :विद्यालय में एचएम सहित दो शिक्षिका व दो शिक्षक सहित मात्र चार कार्यरत है.जबकि विद्यालय में छात्रों की संख्या 272 है.हलांकि दो टोला सेवक रंजन कुमारी व रमेश रजक द्वारा शिक्षण कार्य में अपना योगदान दिया जा रहा है. परंतु छात्र-शिक्षक का अनुपात गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के हिसाब से फिसड्डी है.
विद्यालय में शौचालय का आभाव:
272 छात्र-छात्राओं के लिए मात्र दो शौचालय है.बच्चों को शौचालय की कमी के कारण परेशानी हो रही है.
विद्यालय में खेल का मैदान नहीं :बच्चों के लिए मनोरंजन के लिए कोई खेल का मैदान नहीं है.
क्या कहती हैं एचएम
संसाधन के संबंध में विभाग को अवगत कराया गया है. सीमति संसाधन में बच्चों की बेहतर तरीके से पढाई का संचालन होता है.
विद्यावती देवी,एचएम,प्रा विद्यालय,अनुसूचित जाति बाघा

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