नगर पंचायत के दो विद्यालयों पर मंडराया खतरा

बलिया : नगर पंचायत क्षेत्र के दो विद्यालयों वार्ड संख्या चार स्थित उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय तथा वार्ड संख्या बीस के प्राथमिक विद्यालय जानीपुर के अस्तित्व पर खतरे का बादल मंडराने लगा है . पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि पर संचालित हो रहे मुक्त विद्यालय का अस्तित्व एनएच के चौड़ीकरण में मिटने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2017 10:03 AM
बलिया : नगर पंचायत क्षेत्र के दो विद्यालयों वार्ड संख्या चार स्थित उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय तथा वार्ड संख्या बीस के प्राथमिक विद्यालय जानीपुर के अस्तित्व पर खतरे का बादल मंडराने लगा है . पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि पर संचालित हो रहे मुक्त विद्यालय का अस्तित्व एनएच के चौड़ीकरण में मिटने की आशंका सताने लगी है.
सुनिश्चित रोजगार योजना अंतर्गत 28 मई 1999 को तत्कालीन नगर विकास मंत्री श्रीनारायण यादव ने वार्ड चार स्थित विद्यालय का उद्घाटन किया था. दो कमरे वाले इस विद्यालय की अपनी एक धूर भी जमीन नहीं है.
527 छात्र-छात्राओं के नामांकन वाले इस विद्यालय में अध्ययन के लिए स्कूल प्रबंधन ने बगल में अवस्थित पंचायत भवन का तीन कमरा एवं पुस्तकालय का एक कमरे को उपयोग में रखा है. विद्यालय के अपने दो कमरे में वर्ग दो से पांच तक कुल 331 बच्चे पढ़ते हैं. जबकि पंचायत भवन के ऊपरी तल पर छह, सात एवं आठ वर्ग के कुल 196 बच्चे पढ़ते हैं. ठीक इसी तरह पुस्तकालय के एक कमरे में वर्ग प्रथम के कुल 40 बच्चे पढ़ते हैं. इसी भवन में मध्याह्न भोजन भी बनाया जाता है. समुचित जगह के अभाव में बच्चों को धूप और बारिश में आसमान के नीचे एमडीएम परोसा जाता है. विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित कुल पंद्रह शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं .
विद्यालय में छह साल पूर्व बनाया गया एक शौचालय है,जो अनुपयोगी साबित हो रही है. विद्यालय प्रधान मो शमशाद ने बताया कि वर्ष 2010 में राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि पर स्थित इस विद्यालय को उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया था. अगर एनएच 31 के चौड़ीकरण में दक्षिणी दिशा में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण 35 फुट जमीन अधिग्रहित करती है तो फोरलेन सड़क विद्यालय भवन को स्पर्श करते हुए आगे बढ़ेगी. वहीं दूसरी और प्राथमिक विद्यालय जानीपुर का भी हाल कुछ इसी तरह है.
एनएच चौड़ीकरण में इस विद्यालय का प्रांगण पर खतरे का साया मंडरा रहा है. जिससे विद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अभी तक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का कोई भी नोटिस विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है. नगर पंचायत में तत्काल जमीन का घोर अभाव है. विद्यालय के लिए जमीन की खोज की जा रही है. जमीन उपलब्ध होते ही विद्यालय भवन निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा.

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