पटना :बेगूसरायकेअपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले के आरोपित सहरसा जिले के सलखुआ थाने के हरेबा निवासी व ग्रामीण के मस्जिद के इमाम मो काशिफ जया को अंतर्गत धारा 365 भादवि में दोषी पाकर पांच साल का कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड एवं पॉक्सो की धारा चार के तहत दोषी पाकर आठ साल के कारावास एवं पांच हजार अर्थदंड की सजा सुनायी. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक कुमारी मनीषा ने इस मामले में सात गवाहों की गवाही करायी. मालूम हो किअपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के आरोपित सहरसा जिले के सलखुआ थाने के हरेबा निवासी मोहम्मद काशिफ जया को भादवि की धारा 365 व पॉक्सो की धारा चार के तहत आठ सितंबर को दोषी करार दिया था.
क्या है मामला
बखरी थाने के मोहनपुर निवासी 15 वर्षीया किशोरी का 21 अप्रैल, 2015 की मध्य रात में अपहरण कर मस्जिद के एक कमरे में बंद कर दिया गया था. वहां उसके साथ दो दिनों तक दुष्कर्म किया गया. पीड़िता ने 164 के तहत न्यायालय के समक्ष बयान में बताया था कि गांव के मस्जिद का इमाम मोहम्मद काशिफ जया उसे लेकर भाग गया और मस्जिद के एक कमरे में बंद कर दो दिनों तक दुष्कर्म किया. पीड़िता के पिता ने बखरी थाने में घटना की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस और गवाही के बाद इमाम को अपहरण और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया है. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक कुमारी मनीषा ने इस मामले में सात गवाहों की गवाही करायी.