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चेक व लैपटॉप के साथ छह धराये

कार्रवाई . पकड़े गये अपराधी शेखपुरा,नालंदा व नवादा जिले के बेगूसराय : जिले में पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए चलायी जा रही मुहिम रंग लायी. मामले को खुलासा करने में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. साइबर क्राइम में संलिप्त आधा दर्जन माफिया को गिरफ्तार किया […]

कार्रवाई . पकड़े गये अपराधी शेखपुरा,नालंदा व नवादा जिले के

बेगूसराय : जिले में पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए चलायी जा रही मुहिम रंग लायी. मामले को खुलासा करने में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. साइबर क्राइम में संलिप्त आधा दर्जन माफिया को गिरफ्तार किया गया है. यह जानकारी पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में संवाददाताओं को दी . उन्होंने बताया कि 19 सितंबर की शाम शहर में वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था.
इसी क्रम में एक अपाचे बाइक सहित तीन व्यक्ति को पकड़ा गया. सर्च करने पर उसके पास से आपत्तिजनक सामान बरामद किये गये. तीनों से पूछताछ की गयी तो साइबर क्राइम के गिरोह का पर्दाफाश हुआ व अपने गिरोह में शामिल लोगों का नाम बताया. उनकी निशानदेही पर सिंघौल ओपी के नागदह स्थित रमेशचंद्र राम के भाड़े के मकान में छापेमारी की गयी तो साइबर क्राइम में उपयोग किये जा रहे लैपटॉप, मोबाइल, खाता, चेकबुक सहित अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद हुए. इसके बाद इस गिरोह में संलिप्त छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ये सभी चढ़े पुलिस के हत्थे:एसपी ने बताया कि साइबर क्राइम गिरोह में संलिप्त अपराधी धराया है. इसमें शेखपुरा जिला के कुसुंबा ओपी के जियाविधा निवासी मिश्री राम के पुत्र राजीव कुमार उर्फ मंटु और अरविंद प्रसाद, शेखपुरा-देवले निवासी जय प्रकाश पांडेय के पुत्र कुंदन पांडेय एवं राम कुमार पांडेय के पुत्र ऋषिकेश पांडेय, नालंदा जिले के नोमा गांव निवासी नरेश प्रसाद के पुत्र अरविंद कुमार तथा नवादा जिले के कादिरगंज निवासी चंद्र मिस्त्री के पुत्र सोनू कुमार शामिल हैं. पूछताछ में कई खुलासा हुआ है. जिस पर पुलिस कार्रवाई में जुटी है.
गिरोह के मुख्य संचालक ने उगले कई राज :एसपी के अनुसार पकड़ा गया पंकज कुमार इस गैंग का मुख्य संचालक है. पूछताछ करने पर बताया कि ये लोग होमशॉप-18 से ग्राहकों के पूरा डिटेल्स दस रुपये ग्राहक के हिसाब से प्राप्त करते हैं. प्रतिदिन करीब दो हजार ग्राहकों की सूची मंगवाते हैं और प्रत्येक ग्राहक को खास मोबाइल से फोन कर उनके नाम लॉटरी फंसने का प्रलोभन देकर 4100 रुपये फर्जी एकाउंट में जमा करवाते हैं. बताया कि इन लोगों के पास बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जुड़े कागजात भी हाथ लगे हैं. इस कागजात के माध्यम से यह गिरोह विद्यार्थियों के अभिभावकों को परीक्षा में पास कराने और प्राप्तांक अंक बढ़ाने का प्रलोभन देकर अपने फर्जी खाते में राशि जमा कराया जाता था.
बैंक पदाधिकारियों की भूमिका संदेह में घेरे में :पकड़े गये अपराधियों के पास बैंक ग्राहकों के बैंक से जुड़े कागजात मिले हैं. सवाल यह उठता है कि वह कागजात इनके पास कैसे पहुंच रहा है. कहीं न कहीं इसमें बैंककर्मी की भूमिका भी संदेह में घेरे में है. इस बिंदु पर अनुसंधान की जा रही है.
दूसरे राज्यों से जुड़े हैं तार :अपराधियों ने स्वीकार किया है कि उनके गिरोह का तार बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली से जुड़ा है. सभी जगहों पर इसी तरह ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया जा रहा है. पुलिस कप्तान ने बताया कि गिरोह का मास्टर माइंड का नाम सामने आया है. उनकी भी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है.
प्रभात खबर में छपी थी खबर
19 सितंबर को प्रभात खबर में साइबर क्राइम से जुड़ी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की गयी थी. खबर पढ़ने के साथ ही पुलिस कप्तान आदित्य कुमार ने साइबर क्राइम से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी को लेकर अभियान शुरू कर दिया. देर शाम होते-होते सफलता हासिल हुई.

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