पीएम आवास आवंटन में धांधली का आरोप

बेगूसराय : सदर प्रखंड की नीमा पंचायत में पीएम आवास आवंटन में प्रतीक्षा सूची की सरेआम धज्जियां उड़ायी गयी हैं. वार्ड नंबर छह निवासी रूणा देवी पति जगदीश तांती ने डीएम से न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि इंदिरा आवास की प्रतीक्षा सूची में क्रमांक संख्या-16 में उनका नाम है. लेकिन सीरियल क्रमांक को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2018 4:49 AM
बेगूसराय : सदर प्रखंड की नीमा पंचायत में पीएम आवास आवंटन में प्रतीक्षा सूची की सरेआम धज्जियां उड़ायी गयी हैं. वार्ड नंबर छह निवासी रूणा देवी पति जगदीश तांती ने डीएम से न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि इंदिरा आवास की प्रतीक्षा सूची में क्रमांक संख्या-16 में उनका नाम है. लेकिन सीरियल क्रमांक को तोड़कर अधिक क्रमांक वाले लाभुक को दिया गया है.
आरोप है कि जिस लाभुक ने ग्रामीण आवास सहायक को नजराना दिया है, उन्हें आवास दिया गया. लेकिन जिन लाभार्थियों ने नजराना देने से इन्कार कर दिया, उनको लाभ से वंचित कर दिया गया है. पीड़ित ने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए बताया कि ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि कुल 14 लाभार्थियों को सूची में नाम रहने के बाद भी आवास योजना से वंचित रखा गया है. उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में 31 गरीबों को अपने घर से सपने पूरा करने की स्वीकृति मिली थी. परंतु सरकारी मुलाजिम की घूसखोरी प्रथा में दर्जन भर गरीब आज भी आवास की आस में बाबुओं के कार्यालयों का चक्कर काटने का मजबूर हो रहे हैं. वहीं, नये डीएम के आने के बाद वंचितों में न्याय की आस जगी है.
ये लाभुक हैं आवास योजना से वंचित :आवास आवंटन सूची के अनुसार कुल 14 लोगों को आवास योजना से वंचित रखा गया है उनमें आवास आवंटन सूची के मुताबिक सूची क्रमांक संख्या- 09 तरन्नुम खातून, क्रमांक संख्या- 10 हनजीर, क्रमांक संख्या-12 रूबी देवी, क्रमांक संख्या 13 सपना देवी, क्रमांक-14 अख्तरी खातून, क्रमांक-15 कापोरानी देवी, क्रमांक-16 रूणा देवी, क्रमांक संख्या -30 नीतू देवी एवं क्रमांक-31 कोरौसा खातून को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है.
नजराना वसूली के पेच में फंसा मामला :विश्वस्त सूत्रों की मानें, तो नीमा पंचायत में आवास योजना का लाभ देने के एवज में प्रति लाभुक से 20-20 हजार रुपये के नजराना की वसूली की गयी है. वंचित लाभार्भियों ने कहा कि हमलोगों से भी राशि की मांग की गयी थी. लेकिन असमर्थता जाहिर की तो योजना का लाभ से ही वंचित करने की साजिश रच दी गयी. इस खेल को अंजाम देने में बिचौलियों का भी अहम रोल रहा है.

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