19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कागज पर स्कूली बच्चे खा रहे फल व अंडा

बेगूसराय : सरकारी स्कूलों में लूट की छूट मिली हुई है. इसकी एक बानगी सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय शेरपुर में दिख रही है. मध्याह्न भोजन की राशि को डकारने के लिए फर्जी हाजिरी बनाने का खेल बदस्तूर जारी है. बुधवार को जब इस विद्यालय की पड़ताल की गयी तो कई अनियमितता सामने आयी. सुबह […]

बेगूसराय : सरकारी स्कूलों में लूट की छूट मिली हुई है. इसकी एक बानगी सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय शेरपुर में दिख रही है. मध्याह्न भोजन की राशि को डकारने के लिए फर्जी हाजिरी बनाने का खेल बदस्तूर जारी है. बुधवार को जब इस विद्यालय की पड़ताल की गयी तो कई अनियमितता सामने आयी. सुबह घड़ी की सूई 10.20 पर पहुंची थी. विद्यालय में पठन-पाठन चल रहा है. हेड सर बाहर में कुर्सी पर बैठकर मोबाइल में वीडियो देख रहे थे.
संवाददाता को देखते ही परिसर में खेल रहे बच्चों को डांट देकर अपने-अपने वर्गों में जाने की हिदायत देते हुए स्वयं स्कूल के अंदर घुसे. कैमरे का फ्लैश चमकते ही वह अपनी कुर्सी से उठकर कहते हैं- भाई फोटो क्यों ले रहे हैं. नीचे से लेकर ऊपर तक मैनेज रखते हैं. कुल नामांकित 195 छात्र-छात्राओं में उपस्थिति पंजी पर 114 की हाजिरी बनी हुई थी. लेकिन जब वर्गवार गिनती की गयी तो महज 51 बच्चे ही उपस्थित पाये गये. हाजिरी घोटाला के पीछे रहस्य को जाना तो पता चला- मध्याह्न भोजन की राशि घपला करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
मेनू की अनदेखी कर हर रोज पकती है खिचड़ी :बच्चों ने बताया कि यहां मीनू की अनदेखी कर प्रतिदिन खिचड़ी पकती है. खिचड़ी भी ऐसी रहती है कि जिसमें कोई स्वाद नहीं . शिकायत पर सुधार के बदले उल्टे डांट पिलायी जाती है.
छात्र-छात्राओं ने बताया कि आजतक अंडे एवं मौसमी फल नहीं दिया गया है. जबकि बगल के ही मध्य विद्यालय नीमा में बच्चों को मध्याह्न भोजन में सलाद, मौसमी फल के साथ-साथ प्रत्येक शुक्रवार को अंडे दिये जाते हैं. सूत्रों ने बताया कि कागज यानी उपयोगिता पंजी में मौसमी फल और अंडे भी दर्शाये जाते हैं. विद्यालय की रसोईया ने कहा कि विद्यालय प्रशासन जो सामग्री लाकर देते हैं, उसके अनुरूप भोजन बनाते हैं.
शिक्षक चलाते हैं अपनी मर्जी अपना राज : प्रभात खबर टीम की पड़ताल में सामने आया कि स्कूल में शिक्षा नाम की कोई चीज नहीं है. अपनी मर्जी से शिक्षक आते हैं और जाते हैं. न कोई रोकने वाला न कोई टोकने वाला. प्रखंड स्तर के अधिकारी निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करते रहे हैं.
खुले में शौच को जाते हैं छात्र-छात्राएं:कहने को स्कूल में दो शौचालय है. परंतु दोनों अनुपयोगी है. शौचालय की उचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राएं खुले में जाने को विवश होते हैं. आरोप है कि देखरेख नहीं होने के कारण दोनों शौचालय बेकार पड़े हैं. गत वर्षों बने दो मंजिले भवन भी गुणवत्ताविहीन है. हालात यह है कि बारिश होने पर भवन से पानी टकपने लगता है.
तीन में से दो नल है खराब :गर्मी में पानी बहुत ही जरूरी है. कहने को तो यहां तीन चापाकल है. लेकिन दो वर्षों से खराब पड़े हैं. ऐसे में पानी के लिए छात्रों में हाहाकार मचा रहता है. खराब चापाकल को ठीक कराने की दिशा में विद्यालय प्रशासन रुचि नहीं रखते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें