छत्तीसगढ़ नक्सली हमला : 3 दिन पूर्व ही अपने घर से ड्यूटी पर गया था राजेश, पार्थिव शरीर पहुंचने का हो रहा इंतजार
बीहट के लाल के शहीद होने पर गम में डूबा इलाका, वीर सपूत का पार्थिव शरीर पहुंचने का हो रहा इंतजार बेगूसराय : छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में बीहट मंझलीवन निवासी नवल किशोर प्रसाद सिंह के 28 वर्षीय पुत्र राजेश कुमार के शहीद होने की खबर जैसे ही लोगों को मिली कि वीर वारदोली बीहट की […]
बीहट के लाल के शहीद होने पर गम में डूबा इलाका, वीर सपूत का पार्थिव शरीर पहुंचने का हो रहा इंतजार
बेगूसराय : छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में बीहट मंझलीवन निवासी नवल किशोर प्रसाद सिंह के 28 वर्षीय पुत्र राजेश कुमार के शहीद होने की खबर जैसे ही लोगों को मिली कि वीर वारदोली बीहट की धरती शांत पड़ गयी.
किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि वीर सपूत राजेश अब इस दुनिया में नहीं रहा. ज्ञात हो कि राजेश छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 16वीं वाहिनी के जवान थे. राजेश की तैनाती किरदुल कैंप में की गयी थी. नक्सलियों से लोहा लेने के दौरान राजेश ने अपनी शहादत दे दी.
बताया जाता है कि तीन दिन पूर्व ही राजेश कुछ दिन की छुट्टियां बीता कर ड्यूटी पर गया था. उसे क्या पता कि अब वह दोबारा अपने घर नहीं लौट सकेगा. राजेश कुछ दिन पूर्व ही परिवार में एक बर्थ-डे पार्टी में घर आया था.
गांव आने के बाद वह हमेशा लोगों से मिलते-जुलते रहता था. ड्यूटी पर जाने के समय भी वह अपने इलाके के कई लोगों से मिल कर रवाना हुआ था. लोगों को यह विश्वास नहीं हो पा रहा है कि तीन पूर्व घर से खुशी-खुशी ड्यूटी पर जानेवाला राजेश अब हमेशा के लिए हमलोगों से दूर हो गया .
शव पहुंचने का इंतजार : राजेश के नक्सली हमले में शहीद होने की खबर से परिजनों का हाल बेहाल है. एक तरफ जहां राजेश के भारत मां की सेवा में शहीद होने का गर्व महसूस हो रहा था वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों के कायरतापूर्ण कार्रवाई से लोगों का आक्रोश भी था. बताया जाता है कि राजेश का शव विभागीय प्रक्रिया पूरी करने के बाद रविवार की देर रात्रि तक छत्तीसगढ़ से बीहट के लिए रवाना होगी. सोमवार को राजेश का शव उसके घर तक पहुंच पायेगा.
पापा को खोज रहा है मासूम बेटा : जिस घर का युवा लाल शहीद हो जाये तो उसके वृद्ध माता-पिता एवं उसके परिवार का क्या हाल हो सकता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. जैसे ही राजेश के घर तक यह मनहूस खबर लोगों को मिली वृद्ध पिता नवल किशोर सिंह बेहोश होकर गिर पड़े. वहीं राजेश की पत्नी चीत्कार मारने लगी.
अपनी मां को चीत्कार मारते देख पांच एवं तीन वर्ष का दोनों पुत्रों को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर मेरी मां क्यों रो रही है. वह भी अपने पापा को खोजने लगा. इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गयी.
मजदूरी कर पिता ने बेटे को बनाया लायक : कोई भी माता-पिता अपनी क्षमता व उम्मीद के साथ अपने संतान को लायक बनाने में कहीं से चूक नहीं करते हैं. बीहट निवासी नवल किशोर सिंह भी दैनिक मजदूरी कर अपने बेटे राजेश को इस उम्मीद के साथ लायक बनाया कि राजेश के नौकरी मिलते ही परिवार की तस्वीर बदल जायेगी लेकिन शायद ईश्वर को यह मंजूर नहीं था इसलिए इस दुखद हादसे ने चंद मिनटों में ही परिवार की सारी तमन्नाओं को चूर कर दिया.