छात्रवृत्ति के लिए बैंक के लगाने पड़ रहे चक्कर
बैंक के अधिकारी कह रहे, हैंड की कमी से हो रही है परेशानी हाल बखरी के यूको बैंक के गंगरहो शाखा की बखरी : बखरी नगर स्थित यूको बैंक की गंगरहो शाखा में स्थिति इन दिनों बद से बदतर है .जमा-निकासी को छोड़कर दूसरा कोई काम नहीं हो रहा है .आलम यह है कि जमा […]
बैंक के अधिकारी कह रहे, हैंड की कमी से हो रही है परेशानी
हाल बखरी के यूको बैंक के गंगरहो शाखा की
बखरी : बखरी नगर स्थित यूको बैंक की गंगरहो शाखा में स्थिति इन दिनों बद से बदतर है .जमा-निकासी को छोड़कर दूसरा कोई काम नहीं हो रहा है .आलम यह है कि जमा निकासी के लिए भी उपभोक्ताओं को चार से पांच घंटे इंतजार करना पड़ता है, जिससे दिन भर अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है. प्रबंधक के साथ ग्राहकों की तू-तू मैं मैं यहां आमबात है. बैंक के एसी के खराब रहने से इस भीषण गर्मी में ग्राहकों के बीच कोहराम मचा रहता है. पिछले एक पखवारे से लोगों को न तो एटीएम मिल रहा है. और न ही आधार कार्ड खाता से लिंक हो रहा है.
नया खाता खुलवाने में भी लोगों के पसीने छूट रहे हैं. चेकों के क्लीयरेंस में भी 20 दिन से अधिक का समय लगता है. बैंक के इस रवैये से ग्राहक परेशान हैं. ग्राहकों का कहना है कि बैंक से जुड़ी सभी समस्याओं की जड़ में प्रबंधक की लापरवाह और शिथिल कार्यशैली है .
खाते में पड़ी है छात्रवृत्ति की राशि, छात्र हो रहे परेशान :बैंक की लापरवाही का आलम यह है कि वह सरकार की छात्रवृत्ति योजना का लाभ भी छात्रों तक नहीं पहुंचा पा रहा है. कई विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति राशि उनके खाते में पड़ी है ,जिसे प्राप्त करने के लिए छात्र रोज बैंक दौड़ रहे हैं.
प्रखंड के मोहनपुर विद्यालय के छात्र सोनू कुमार, चंदन कुमार, राहुल कुमार, लक्ष्मी कुमारी आदि बताती हैं कि उनकी छात्रवृत्ति की राशि महीनों से उनके बैंक खाते में आयी हुई है .उनका खाता आधार कार्ड से जुड़ा होने के बावजूद बैंक उन्हें उक्त राशि नहीं दे रही है .
बैंक का कहना है कि उनलोगों का खाता बंद है. खाता चालू करने के लिए उनलोगों ने पुन: आधार कार्ड के साथ आवेदन भी दे रखा है . फिर भी उनके खाते को चालू नहीं किया जा रहा है. जबकि पैसों के अभाव में उनका पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है.
पैसा निकासी में नॉमिनी के छूट रहे पसीने : बैंक से जुड़े मोहनपुर निवासी संजीव सिंह बताते हैं कि उनकी मां शकुंतला देवी का बैंक में खाता है. जिसके वे नॉमिनी हैं .चार महीने पूर्व उनकी माता जी का देहांत हो गया.
अब खाते की राशि की निकासी के लिए चार महीने से बैंक का चक्कर काट रहे हैं. किंतु बैंक रोज नया कानून बता कर टालमटोल कर रहा है.
जबकि राशि की उन्हें सख्त जरूरत है .मधुआ गांव के अनिल कुमार आवर्ती खाता खुलवाने के लिए चार दिनों से प्रयासरत हैं लेकिन उनका खाता नहीं खुल रहा है . बाजार के राजेश अग्रवाल का कहना है कि बैंक चेक के क्लीयरेंस में काफी विलंब करता है .जिससे व्यवसायियों को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है .
पैसे के लिए बैंक का लगाना पड़ता है चक्कर
बैंक से जुड़े दर्जनों ऐसे ग्राहक मिले जिनके पैसे नेफ्ट के माध्यम से बैंक में भेजे गये . किंतु बैंक ने इन पैसों को ग्राहक के खाते में डालने के बजाय उस राशि को सेंडिकेटर में डाल दिया है. इधर ग्राहक राशि के लिए परेशान हो रहे हैं. मोहनपुर की कजोमा देवी बताती हैं कि 14 जून को ही दस हजार रुपये बैंक में नेफ्ट से भेजा गया. जो आज तक उनके खाते में नहीं डाला गया है .पैसे के लिए वे रोज बैंक जा रही हैं.
हेमनपुर की सावित्री देवी, घाघरा की माधुरी देवी और सीता देवी, मक्खाचक की अफसाना खातून, रामपुर की मीरा देवी आदि की राशि को भी सेंडिकेटर में डाल दिया गया है. महिलाएं कहती हैं कि पैसों के लिए वे रोज बैंक का चक्कर लगा रही हैं. महिलाओं ने बताया कि घर के राशन से लेकर बच्चों के स्कूल की फीस, इलाज आदि के लिए उन लोगों को फजीहत झेलनी पड़ती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बैंक में हैंड की कमी से यह समस्याएं हैं .बैंक प्रबंधक ने कहा कि नेफ्ट से जिन महिलाओं का भी पैसा आया वे सभी किसी न किसी समूह में लोनी हैं. अत: उनकी राशि खाते में नहीं गयी है .जबकि छात्राओं ने खाता खुलवाया और उससे ट्रांजेक्शन नहीं किया, जिससे खाता बंद हो गया है .उसे खुलवाने की प्रक्रिया की जा रही है. इसी प्रकार नॉमिनी की भी समस्या का समाधान कर दिया गया है .
चंद्रमौली प्रसाद, शाखा प्रबंधक, यूको बैंक, गंगरहो