शहीदों के सम्मान में लगाये गये शिलापट्ट को तोड़ा

विपिन कुमार मिश्र शहीदों को सम्मान देने में शासन हो या प्रशासन या फिर आमलोग किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतते हैं. 26 जुलाई को कारगिल दिवस के मौके पर देश व राज्य के विभिन्न हिस्सों में शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों का सम्मान किया गया. बेगूसराय के दिनकर भवन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2018 11:17 PM

विपिन कुमार मिश्र

शहीदों को सम्मान देने में शासन हो या प्रशासन या फिर आमलोग किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतते हैं. 26 जुलाई को कारगिल दिवस के मौके पर देश व राज्य के विभिन्न हिस्सों में शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों का सम्मान किया गया. बेगूसराय के दिनकर भवन में भी शहीदों के प्रति सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया गया. लेकिन बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र के टेढ़ीनाथ मंदिर से लेकर आइएमए पथ में इन शहीदों के नाम पर बनाये गये शहीद-ए कारगिल उद्यान पथ पूरी तरह से न सिर्फ अतिक्रमणकारियों के चपेट में है वरन इस कारगिल उद्यान पथ के अस्तित्व को ही समाप्त किया जा रहा है. इसकी सर्वत्र निंदा की जा रही है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि जिला मुख्यालय के मध्य स्थित इस शहीद-ए कारगिल उद्यान पथ की सुधि लेने का समय शासन व प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों के पास नहीं है.
वर्ष 2003 में शहीदों के सम्मान में शहीद-ए कारगिल उद्यान पथ किया गया था नामकरण
कारगिल युद्ध में शहीदों के सम्मान में शहर के टेढ़ीनाथ मंदिर से लेकर आईएमए पथ तक शहीद-ए कारगिल उद्यान पथ का नामकरण किया गया था. इसका विधिवत उद्घाटन भारत सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य राज्य मंत्री अखिलेश सिंह ने किया था. इस मौके पर जिला प्रशासन, आईएमए पटना के पदाधिकारी, वन विभाग के पदाधिकारी समेत अन्य लोगों की उपस्थिति में भव्य समारोह आयोजित कर इसे बेहतर लुक प्रदान किया गया था.
पर्यावरण को दुरुस्त करने के लिए किया गया था नामकरण :
शहीद-ए कारगिल उद्यान पथ के नामकरण का मुख्य उद्देश्य दुरुस्त पर्यावरण व पौधारोपण कर शहीदों को नमन करना था. इसी के तहत सदर अस्पताल के ठीक पीछे शिलापट्ट लगाया गया था ताकि इस सड़क से गुजरने वाले लोग इन वीर शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें. इसके साथ ही सदर अस्पताल के नजदीक होने को लेकर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचने वाले मरीजों व इनके परिजनों के लिए यह विश्राम स्थल बन सके.
तोड़ दिया गया शिलापट्ट, अवैध रूप से काटे जा रहे हैं हरे वृक्ष
इस पथ में अतिक्रमणकारियों के हौसले इस तरह से बुलंद हैं कि शहीदों के सम्मान में लगाये गये शिलापट्ट को तोड़कर एवं अवैध रूप से हरे वृक्षों की कटाई कर उसे अतिक्रमित कर अपना रोजगार धड़ल्ले से चला रहे हैं. इस तरफ न तो जिला प्रशासन, निगम प्रशासन और न ही वन विभाग के पदाधिकारी खबर लेने की जरूरत समझते हैं. अब भी उक्त स्थल पर काटे जा रहे पेड़ व सड़क के किनारे रखी हुई लकड़ियां इसकी प्रत्यक्ष गवाह हैं.
आज तक नहीं चलाया गया है किसी प्रकार का अभियान
शहीदों के नाम पर बनी इस सड़क के दोनों किनारे अतिक्रमण ने विकराल रूप धारण कर लिया है. शिलापट्ट से शहीदों के नाम गायब हो गये, हरे वृक्ष काटे जा रहे हैं . लेकिन जिला प्रशासन व नगर निगम के द्वारा किसी प्रकार का अभियान नहीं चलाया जा रहा है. नतीजा है कि अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं.

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