फेसबुक से जुटाये 80 हजार, केरल बाढ़पीिड़तों को भेजे

प्रभात खबर की अपील ने युवा के मन में पैदा की सकारात्मक सोच बेगूसराय : कहते हैं न जहां चाह,वहीं राह. अगर इंसान किसी भी सकारात्मक पहलू को अडिग होकर सोच ले तो वह उसे जरूर पूरा करता है. प्रभात खबर की अपील ने एक युवा के अंदर सकारात्मक सोच पैदा कर दिया. उस युवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2018 4:30 AM

प्रभात खबर की अपील ने युवा के मन में पैदा की सकारात्मक सोच

बेगूसराय : कहते हैं न जहां चाह,वहीं राह. अगर इंसान किसी भी सकारात्मक पहलू को अडिग होकर सोच ले तो वह उसे जरूर पूरा करता है. प्रभात खबर की अपील ने एक युवा के अंदर सकारात्मक सोच पैदा कर दिया. उस युवा ने करीब 80 हजार रुपये अपने फेसबुक के माध्यम से जुटा कर केरल में फंसे लोगों की मदद के लिए भेजा. बेगूसराय के युवा अमित जायसवाल ने प्रभात खबर की अपील को अपने अंदर उतार कर लोगों की मदद की सोची. केरल में हुए भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से पैदा हुए भीषण हालात ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया.
प्रभात खबर की अपील लायी रंग:प्रभात खबर ने 19 अगस्त के अंक में एक अपील प्रकाशित की थी.
प्रभात खबर ने इस अपील में लिखा था कि आगे आइए,केरल की मदद कीजिये. इस अपील को 19 अगस्त के अंक में प्रकाशित होने के अहले सुबह ही बेगूसराय के एक युवा ने पहले तो प्रभात खबर की अपील से प्रेरित होकर खुद केरल के लोगों के लिए ऑनलाइन डोनेशन दिया. इसके साथ ही प्रभात खबर की अपील को अन्य लोगों से रूबरू कराने के लिए अपने फेसबुक वॉल पर केरल में फंसे लोगों के लिए मदद की अपील की. प्रभात खबर की अपील एवं उस युवा की सकारात्मक सोच ने 24 घंटे में ही करीब 80 हजार रुपये की मदद युवा के फेसबुक वॉल के माध्यम से एकत्रित की गयी.सैकड़ों लोगों ने ऑनलाइन डोनेशन देकर स्क्रीन शॉर्ट को भेजा.
इस स्क्रीन शॉर्ट को एक-एक करके कमेंट्स बॉक्स में अमित डालता गया. अमित जायसवाल ने बताया कि प्रभात खबर की अपील की वजह से मैंने खुद तो डोनेशन दिया ही.इसके साथ ही अपने फेसबुक प्रोफाइल के माध्यम से प्रभात खबर की अपील को लोगों के बीच भी रखा. मैंने इस अपील को अपने दोस्तों के बीच शेयर किया.इस वजह से मेरे दोस्तों ने छोटी-छोटी रकम को केरल के जरूरतमंदो के लिए शेयर किया. िजसे केरल के बाढ़पीिड़तों की सहायता के िलए समर्पित िकया गया.
अमित ने फेसबुक पर लिखा था यह मैसेज
केरल में आये भीषण त्रासदी में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. इस संकट की घड़ी में हम सबों का फर्ज बनता है कि हमलोगों से भी जो संभव हो सके अपना कुछ योगदान दें. मुझसे जितना हो पाया मैंने किया. आप भी मदद को आगे आयें.

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