भीख मांग कर दिव्यांग दंपति ने बनवाया शौचालय
गढ़पुरा (बेगूसराय) : प्रखंड क्षेत्र के रजौर पंचायत अंतर्गत सकरा निवासी दिव्यांग दंपति रामविलास साह व उनकी पत्नी ने भीख मांग कर लाये रुपयों को जमा कर शौचालय निर्माण कर लोगों के बीच एक मिसाल कायम की है. रामविलास साह दोनों आंखों और उनकी पत्नी दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. दिव्यांग दंपति ने शौचालय बनवाने […]
गढ़पुरा (बेगूसराय) : प्रखंड क्षेत्र के रजौर पंचायत अंतर्गत सकरा निवासी दिव्यांग दंपति रामविलास साह व उनकी पत्नी ने भीख मांग कर लाये रुपयों को जमा कर शौचालय निर्माण कर लोगों के बीच एक मिसाल कायम की है. रामविलास साह दोनों आंखों और उनकी पत्नी दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. दिव्यांग दंपति ने शौचालय बनवाने की ठान ली. रामविलास साह समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड के अलावा अन्य रेलखंडों पर चलनेवाली ट्रेनों में डफली बजा कर और गाकर लोगों से भीख मांगते हैं,
जिससे उनके परिवार में तीन बच्चों एवं दोनों पति-पत्नी का जीवन यापन होता है. इन्हीं में से कुछ रुपये एकत्रित कर दोनों पति-पत्नी ने स्वयं मेहनत कर शौचालय निर्माण कार्य शुरू किया है. डीलर से फटकार सुन बनाने में जुटे शौचालय : रामविलास साह ने बताया कि सरकार के द्वारा अंत्योदय कार्ड के माध्यम से डीलरों के यहां से राशन व केरोसिन मिलता है. डीलर के यहां से राशन का उठाव कर परिवार के भोजन-पानी का इंतजाम करते हैं.
अगस्त माह में डीलर के यहां अनाज उठाव के लिए गये, तो डीलर ने कहा कि जब तक शौचालय निर्माण नहीं होगा, तब तक अनाज नहीं दिया जायेगा. यह बात सुनकर हम दोनों दिव्यांग पति-पत्नी अति चिंतित रहने लगे और भीख मांग कर जमा किये रुपयों से शौचालय निर्माण में जुट गये. इस संबंध में इंदु देवी ने बताया कि जब विकलांग दंपति शौचालय बनाने में जुट गये तो हम लोग भी उनको देखकर अपने-अपने घरों में शौचालय बनाने को लेकर प्रेरित हुए.
प्रेरित होकर कई लोग जुटे शौचालय निर्माण में
रजौर पंचायत के दिव्यांग दंपति के शौचालय निर्माण में जुटने के बाद आसपास के लोग भी शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं. उक्त वार्ड के वार्ड सदस्य रामकृष्ण निराला एवं जीविका समूह की सीएम सुलेखा देवी ने बताया कि दिव्यांग दंपति से अन्य लोग भी प्रेरित हो रहे हैं. वार्ड सात के महादलित मुहल्ले निवासी मंटून पासवान की पत्नी इंदु देवी भी प्रेरित होकर डेढ़ धूर जमीन में ही रहने खाने-पीने एवं शौचालय बनाने प्रण ठान लिया और उसी जमीन पर दो गड्ढे खुदवाकर शौचालय निर्माण करना प्रारंभ किया.