जिले में आयुष्मान योजना की धीमी चाल

बेगूसराय : आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत पिछले साल 23 सितंबर को की गयी थी. इस योजना के अंतर्गत जिले में करीब चार लाख परिवारों को गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य है. लेकिन अब तक 50 हजार लाभुकों का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है. ऐसे में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना पर ग्रहण लगता प्रतीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 5, 2019 5:27 AM
बेगूसराय : आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत पिछले साल 23 सितंबर को की गयी थी. इस योजना के अंतर्गत जिले में करीब चार लाख परिवारों को गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य है. लेकिन अब तक 50 हजार लाभुकों का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है. ऐसे में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना पर ग्रहण लगता प्रतीत हो रहा है.
इस योजना के तहत कार्ड बनाने के लिए या तो चयनित लाभुकों की कोई दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है , या यूं कहें कि बेहतर प्रचार-प्रसार नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को योजना के बारे जानकारी नहीं मिल पा रहा है.
इस वजह से लोग गोल्डेन कार्ड नहीं बनवा पा रहे हैं. सरकार की मंशा है कि कोई भी बीपीएल परिवार इलाज के लिए तड़पे नहीं. अगर जिले में इस तरह से गोल्डेन कार्ड बनाने का सफर रहा तो, यह साल बीत जाने के बाद भी लोगों को गोल्डन कार्ड नहीं बन सकेगा.
2011 के जनगणना के आधार पर चयन हुआ लाभुक का नाम: आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए 2011 के जनगणना के आधार पर लाभुकों का नाम चयन किया है. 2011 के जनगणना में उन परिवारों का नाम सूचीबद्ध किया गया है, जिन परिवारों ने जनगणना के समय कच्ची घर होने का दावा किया था. उसी के आधार पर बेगूसराय जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से तीन लाख 27 हजार 518 व शहरी क्षेत्र से 51 हजार 181 परिवारों का चयन किया गया है.
शहरी क्षेत्र के 60 तो ग्रामीण क्षेत्र के 85 प्रतिशत परिवारों का बनेगा गोल्डन कार्ड: शहरी क्षेत्रों के 60 और ग्रामीण क्षेत्रों के 85 फीसदी परिवारों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जायेगा. भारत के किसी भी स्थान से सभी सार्वजनिक या सूची में शामिल निजी अस्पतालों में जाकर कैशलेश उपचार गोल्डन कार्ड धारक करवा सकते हैं.
बोले पदाधिकारी
सभी चयनित लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनना है. कार्य में तेजी लाया जा रहा है. हड़ताल के कारण कुछ परेशानियां हुई.
बृजनंदन शर्मा, सिविल सर्जन,बेगूसराय

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